@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (02 मार्च, 2022)
यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों की वापसी के अभियान और य़ुद्धग्रस्त शहर खारकीव में एक भारतीय छात्र की मौत के बीच केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी का एक विवादित बयान सामने आया है। जोशी ने दावा किया है कि विदेश में मेडिकल की पढ़ाई करने जाने वाले 90 फीसदी भारतीय छात्र क्वालीफायर तक पास नहीं कर पाते हैं।
जोशी का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब यूक्रेन में हजारों भारतीय छात्र फंसे हैं और उन्हें वापस लाने की कोशिश में सरकार जुटी है। रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी कीव और खारकीव में भारी हमला कर रही है। जोशी ने कहा कि यह सही समय नहीं है, जब उन कारणों पर बात की जाए कि देश के लोग क्यों विदेश पढ़ाई करने जाते हैं। जो लोग विदेश में पढ़ाई कर मेडिकल डिग्री हासिल करते हैं, उन्हें फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स एक्जामिनेशन को पास करना पड़ता है, तभी वो भारत में इलाज करने के योग्य घोषित किए जाते हैं।
गौरतलब है कि यूक्रेनी शहर खारकीव में रूस के एक इमारत पर हुए हमले में एक भारतीय नागरिक नवीन शेखरप्पा की मौत हो गई, जबकि एक अन्य घायल हो गया। सरकार की योजना है कि अगले तीन दिनों में 26 उड़ानें यूक्रेन के पड़ोसी देशों से संचालित की जाएंगी ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्रों को जल्दी से जल्दी देश लाया जा सके।