@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (9 अगस्त, 2021)
दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले भले ही 100 से भी काफी कम हो गए हों, लेकिन राजधानी में महामारी का खतरा अभी टला नहीं है। दिल्ली में खतरनाक और तेजी से फैलने वाले डेल्टा वायरस के मामले मिलने से भी स्वास्थ्य एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। दरअसल, दिल्ली सरकार की ओर से पिछले तीन माह में जो भी वायरस के नमूने जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए हैं, उनमें से 80 प्रतिशत में यह डेल्टा वायरस पाया गया है।
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की एक बैठक के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने ये आंकड़े साझा किए। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जुलाई में जीनोम सीरीज के लिए भेजे गए नमूनों में से 83.3 प्रतिशत में, जून में भेजे गए नमूनों में से 88.6 में, जबकि मई में भेजे गए नमूनों में 81.7 प्रतिशत में वायरस के डेल्टा स्वरूप की पहचान की गई है। जबकि अप्रैल में भेजे गए नमूनों में से 53.9 फीसदी में यह वैरिएंट पाया गया था।
इससे आशंका पैदा होती है कि यह संक्रामक डेल्टा वायरस कोरोना की तीसरी लहर को जन्म दे सकता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का दावा है कि सरकार ने तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए पर्याप्त इंतजाम किए हैं। हालांकि जब बाजार औऱ अन्य और गतिविधियां फिर से शुरू हो रही हैं तो कोरोना को लेकर सतर्कता और बढ़ाई जाना जरूरी है।