@ शब्द दूत ब्यूरो
देहरादून । आम आदमी अगर अस्पताल में जाकर अपने मरीज को न मिलने वाली सुविधा पर चिकित्सकों से बिगड़े तो उसके खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज हो जाती है या फिर मौके पर पुलिस बुलाकर उसे कानूनी तरीके समझाये जाते हैं। लेकिन अगर आम आदमी के स्थान पर कैबिनेट मंत्री हों तो?
जी हाँ उत्तराखंड के वन एवं पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत के कोरोना पॉजिटिव भांजे को बड़ी मुश्किल से बेड तो मिल गया। लेकिन मैक्स अस्पताल की अव्यवस्थाओं से मंत्री जी को भी दो चार होना पड़ा। देर रात अस्पताल पहुंचे वन मंत्री हरक सिंह रावत अव्यवस्था से इतना नाराज हुये कि बोल उठे ऐसे लोगों को जेल होनी चाहिए।
दरअसल बीती रात काबीना मंत्री हरक सिंह अपने भांजे को देखने मैक्स अस्पताल पहुंचे थे। वह चिकित्सा स्टाफ अपने भांजे का ऑक्सीजन लेवल मापने को कह रहे थे लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। बताया जाता है कि उसी समय एक पार्षद को भी अस्पताल में लाया गया। उनकी हालत भी बहुत खराब दिख रही थी जब पार्षद की तरफ भी चिकित्सा स्टाफ ने ध्यान नहीं दिया तो मंत्री बुरी तरह उखड़ गए।
उन्होंने कहा कि अस्पताल की संवेदना मर चुकी है और किसी भी व्यक्ति को अस्पताल मरने के लिए छोड़ सकता है। आखिरकार मंत्री जी को कहना पड़ गया कि जब एक मंत्री के साथ यह रवैया है तो आम आदमी का क्या हाल होगा। गुस्साए मंत्री ने मुकदमा दर्ज कराने की धमकी दी तब चिकित्सक वहाँ पहुंचे और उपचार शुरू किया।