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सनसनीखेज मामला :25000 रूपये में रेमडेसिविर इंजेक्शन मंगाया, मरीज को डिस्टिल वाटर लगाया, मौत के बाद खुला राज, आठ गिरफ्तार

मेरठ । सुभारती मेेडिकल कालेज  फिर  चर्चाओं में है पहले मानव अंग तस्करी ,उसके बाद 3 हत्या फिर देहरादून में 300 मेडिकल छात्रों के 2 साल भविय खराब करने और करोड़ों रुपए हजम करने के साथ उत्तराखंड सरकार की 1 अरब रुपए की देनदारी न देने के बाद अब सुभारती द्वारा इस संकट की घड़ी में भी मरीजों और गरीबों को लूटने खचोटने का का सिलसिला जारी है । अब एक और गंभीर मामला सामने आया है। यहाँ भर्ती एक मरीज को लगाने के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन मंगवाया और मरीज को इंजेक्शन में डिस्टिल वाटर भर के लगा दिया। 

 मेरठ में सर्विलांस टीम ने सुभारती मेडिकल कालेज में रेमडेसिविर की कालाबाजारी कर रहे कोविड वार्ड के दो कर्मचारियों समेत आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इनके कब्जे से एक रेमडेसिविर इंजेक्शन और 25 हजार रुपये बरामद हुए हैं। पुलिस से हाथापाई की भी कोशिश की गई। पूछताछ में जो खुलासा हुआ हुआ वह काफी चौंकाने वाला है। ये कर्मचारी रेमडेसिविर की जगह मरीज को डिस्टिल वाटर लगा देते थे और इंजेक्शन ब्लैक में 25 हजार में बेच देते थे। पुलिस ने सुभारती ग्रुप के ट्रस्टी और उनके बेटे की भूमिका पर भी जांच बैठा दी है। सुभारती मेडिकल कालेज के कोविड वार्ड स्थित द्वितीय तल पर गाजियाबाद के कविनगर निवासी शोभित जैन भर्ती थे। स्वजन ने शोभित जैन को लगाने के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन वार्ड में कर्मचारियों को दे दिया। गुरुवार को शोभित जैन की मौत हो गई। एक तीमारदार की शिकायत पर पुलिस और सर्विलांस टीम ने योजना के तहत एक दारोगा को ग्राहक बनाया और सुभारती पहुंच गए। कर्मचारियों ने इस इंजेक्शन को सुभारती कालेज के गेट पर 25 हजार में ग्राहक बने दारोगा को बेच दिया।

पुलिस ने इंजेक्शन बेचने वाले सुभारती के कर्मचारी आबिद और अंकित को दबोच लिया। दोनों की पुलिस से हाथापाई भी हुई। सुभारती अस्पताल के अन्य स्टाफ ने पुलिस से इंजेक्शन छीनने की कोशिश की। इस पर पुलिस ने छह अन्य को भी दबोच लिया। गिरफ्तार किए गए कर्मियों में अंकित निवासी मल्लाहपुर, रोहटा, मेरठ, आबिद निवासी सिसौली जानीखुर्द, मेरठ, रईस निवासी लखवाया, कंकरखेड़ा, गौरव कुमार निवासी चरला, फलावदा, अमित कुमार निवासी बहादुरपुर, परतापुर, रोहित कुमार निवासी हजूराबाद, सिंघावली बागपत, महेंद्र सिंह निवासी चीलक, शिकारपुर, बुलंदशहर और अनिल कुमार निवासी उलेड़ा गुलावटी बुलंदशहर शामिल हैं। एसपी देहात ने बताया कि पूछताछ में दोनों कर्मचारियों ने बताया कि तीमारदार द्वारा दिया गया रेमडेसिविर इंजेक्शन को उन्होने अपने पास रख लिया था और मरीज को डिस्टिल वाटर लगा दिया था। पूछताछ में सामने आया कि इंजेक्शन की जिम्मेदारी सुभारती ग्रुप के ट्रस्टी अतुल कृष्ण भटनागर की थी। साथ ही उनके बेटे डा. कृष्ण मूर्ति  की देखरेख में इंजेक्शन मरीज को लगाया जाना था। पुलिस ने अतुल कृष्ण और डाक्टर कृष्णमूर्ति की भूमिका की जांच शुरू कर दी है। हालांकि सुबह पुलिस ने इन दोनों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करने की जानकारी दी थी, लेकिन बाद में इनकी भूमिका की जांच की बात कही गई। उधर, शाम को शोभित जैन की बहन ने एसएसपी के पीआर से बात की और अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया। पीआरओ ने तहरीर देने पर जांच की बात कही।

सुभारती ग्रुप के ट्रस्टी अतुल भटनागर ने सारा दोष कर्मचारियों पर डालते हुए  पत्रकारों से कहा कि कर्मचारियों ने रेमडेसिविर की कालाबाजारी की है। पुलिस उन्हेंं जेल भेजे। इस घटना से हमारा और डा. कृष्णमूर्ति का कोई लेना-देना नहीं है। मैं इस समय देहरादून में हूं। एसएसपी रंजिशन हमें फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। यदि पुलिस का यही रवैया रहा तो अस्पताल बंद कर देंगे। हमने अस्पताल प्रशासन की टीम बनाकर अपनी तरफ से भी जांच शुरू कर दी है। 

 

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