महाराष्ट्र के अहमदनगर से विचलित कर देने वाली तस्वीर सामने आई है। वहां के अमरधाम श्मशान भूमि में एक ही दिन में 42 शवों का दाह संस्कार किया गया। यही नहीं, पार्थिव शरीर को ले जाने वाली वैन में एक साथ प्लास्टिक बैग में 6 शव रख दिए गए थे। इस दौरान लोगों की लापरवाही भी दिखी। दाहसंस्कार करने वालों में से कोई भी पीपीई किट नहीं पहने हुए था। पूछने पर कहने लगे कि दिन भर शव जलाने पर घुटन होती है इसलिए नहीं पहनते। शवों को ले जाने वाली वैन में एक साथ 6 शवों की तस्वीर विचलित करने वाली थी।
नगरसेवक ने आरोप लगाते हुए कहा है कि पूरे शहर में एक ही एम्बुलेंस है। ऐसे में हम क्या करें? जिला प्रशासन द्वारा दी गई जानकारियों के मुताबिक, 8 अप्रैल को 15 लोगों की मृत्यु हुई है, ऐसे में इतनी चिताओं की तस्वीर सवाल खड़े करती है। खबर है कि आसपास के गांव तालुका के शव भी यहां पहुंच रहे हैं, फिर भी मृतकों की सरकारी संख्या और तस्वीरों में बड़ा अंतर नजर आता है। बिगड़ी हालत का जायजा लेने केंद्र की टीम भी अहमदनगर पहुंची।
बहुत सारी लोगों की मौतें होम क्वारंटाइन के दौरान भी हो रही है, जिनका आंकड़ा बाद में पता चलता है। अगर एक दिन में इतने सारे कोरोना से मारे गए लोगों के शवों का अंतिम संस्कार होता है तो इसकी वजह क्या है।
कई जगहों पर लोग श्मशान घाट में कोरोना से मारे गए लोगों के शव को अंतिम संस्कार करने से भी मना कर रहे हैं। शवदाह गृह में काम करने वाले कर्मचारी भी इतनी बड़ी संख्या में कोरोना से मारे गए लोगों का अंतिम संस्कार करने में हिचकिचाते हैं। वाहनों की भी कमी है, जिससे परिजनों को घंटों इंतजार करना पड़ता है अंतिम संस्कार के लिए।
सामाजिक कार्यकर्ताओं और विपक्षी नेताओं का कहना है कि तस्वीरें इससे ज्यादा भयावह हैं। अहमदनगर में एक दिन में 1261 कोरोना के मामले सामने आए हैं, और 15 लोगों की मौत हुई है। बीत आठ दिनों में वहां 54 लोगों की कोरोना वायरस से मौत हो चुकी है।
नगरपालिका के एक अधिकारी ने कहा कि उनके संज्ञान में ये मामला सामने आया है और इसमें देखा जाएगा कि क्या लापरवाही हुई है। ज्यादा वाहन क्यों नहीं उपलब्ध कराए गए। महाराष्ट्र में तमाम ऐसे जिले हैं, जैसे पुणे, नागपुर, नाशिक और औरंगाबाद में भी कोरोना का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। अब छोटे शहरों से भी बड़ी संख्या में मौतें सामने आ रही हैं।