गोपेश्वर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद् उत्तराखण्ड की गोपेश्वर इकाई द्वारा होली के अवसर पर “काव्य गोष्ठी” का आयोजन किया गया।
गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के प्रदेश अध्यक्ष सुनील पाठक ने होली के सांस्कृतिक महत्व और दक्षिण पूर्व एशिया में भारतीय संस्कृति की गहरी पैठ के बारे में जानकारी दी। गोपेश्वर इकाई की अध्यक्षा श्रीमती शशि देवली ने होली पर “रंगना न कोई मेरे श्याम को सखी” कविता एवं वरिष्ठ कवि भगत सिंह राणा “हिमाद” ने होली गीत की प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर प्रमोद खंडूरी, शैलेंद्र रावत, प्रदीप सिंह बिष्ट , पूजा नेगी, पूजा त्रिपाठी जोशी ने अपनी रचनाऐं प्रस्तुत की। ए बैटर टुमॉरो वैलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष कुशदीप सिंह ने पहाड़ों में होली के सांस्कृतिक स्वरूप पर प्रकाश डाला। मिमिक्री कलाकार पंकज कुमेड़ी ने विभिन्न फिल्मी कलाकारों की आवाज निकालकर सबको आनंदित किया।
रिसर्च स्कॉलर प्रियंका नेगी, अभिनव गहतोड़ी, अभिषेक जोशी, अनुभव पंवार, ऋतिक सती, कल्पना भट्ट, शशांक राणा, वंदना मैंदुली, युक्ता सेमवाल आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के जिला संयोजक हिमांशु थपलियाल द्वारा किया गया।