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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष: पांच चुनावी राज्यों में 33% तो छोड़िए 15% भी महिला विधायक नही

@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के पूर्व राजनीति में एक बार फिर महिलाओं की भागीदारी पर फिर बहस छिड़ गई है। पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुदुच्चेरी के पांच चुनावी राज्यों की ही बात करें तो विधानसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व मायूस ही करता है। इन राज्यों की विधानसभाओं में 33 फीसदी तो छोड़िए 15 फीसदी भी महिला विधायक नहीं हैं। तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों में तो महिला वोटरों की तादाद भी पुरुषों से ज्यादा है, फिर भी आधी आबादी की नुमाइंदगी निराशाजनक है।

तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में इस बार 234 सीट में कुल 6.26 करोड़ वोटर हैं। इनमें 3.18 करोड़ महिला और 3.08 करोड़ पुरुष वोटर हैं। यानी महिला वोटरों की संख्या पुरुष वोटरों से ज्यादा है। लेकिन वर्ष 2016 के चुनाव में मुख्यमंत्री जयललिता समेत कुल 21 महिला विधायक ही चुनी गईं। इनमें 16 एआईएडीएमके व 4 डीएमके से थीं। इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि मुख्य दल ज्यादा महिलाओं को टिकट नहीं देते। एआईएडीएमके ने 31 और डीएमके ने 19 महिलाओं को टिकट दिया था। कुल 3787 प्रत्याशियों में भी महिलाएं महज 323 थीं, यानी 10 फीसदी से कम। विश्लेषकों का कहना है कि अगर प्रमुख दलों से ज्यादा महिलाएं चुनाव ही नहीं लड़ेंगी तो जीतने की संभावना कैसे बनेगी।

केरल विधानसभा चुनाव की 140 सीटों पर इस बार 2.67 करोड़ मतदाता हैं। इनमें 1.37 करोड़ महिला और 1.29 करोड़ पुरुष वोटर है। यानी यहां भी पुरुष वोटरों के मुकाबले महिला वोटरो की तादाद अधिक है। लेकिन 2016 के चुनाव में 140 सीटों में 8 महिला विधायक जीती थीं, यह कुल विधायकों के मुकाबले 8.9 फीसदी ही हैं। जबकि 109 महिला उम्मीदवार चुनाव मैदान में थीं। वर्ष 2011 के विधानसभा चुनाव में केवल सात महिलाएं चुनाव जीती थीं।
 
पश्चिम बंगाल विधानसभा की 294 सीटों पर कुल 8.32 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 3.63 करोड़पुरुष और 3.59 करोड़ महिलाएं हैं। वर्ष 2016 में जो चुनाव हुआ था, उसमें 40 महिला विधायक निर्वाचित हुई थीं, जो कुल सीटों का महज 13.6% था। टीएमसी से 29, कांग्रेस 4, सीपीएम की 6 महिला उम्मीदवार जीती थीं। एडीआर के अनुसार, मौजूदा दौर में 282 एमएलए में 41 महिलाएं (15%) हैं। टीएमसी ने इस बार 291 में से 50 यानी करीब 17 फीसदी महिलाओं को टिकट दिया है। जबकि पिछली बार 45 महिलाओं ने तृणमूल के टिकट पर चुनाव लड़ा था।

असम विधानसभा चुनाव की 126 सीटों पर कुल 2.32 करोड़ वोटर हैं. इनमें 1.17 करोड़ पुरुष और1.14 करोड़ महिला वोटर हैं। वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में 126 सीटों में से महज 8 पर महिलाएं जीती थीं, जो 6.3 फीसदी ही है। ताज्जुब की बात है कि 2016 में असम में 92 लाख महिला वोटरों में से 84 फीसदी ने वोट डाला था। फिर भी कम महिलाएं जीतीं। जबकि वर्ष 2011 में 14 महिलाएं चुनाव जीती थीं।

30 सीटों वाली पुदुच्चेरी विधानसभा में 1996 के बाद से कोई महिला विधायक चुनाव नहीं जीती थी और 2016 में चार चुनावों के बाद जाकर यह सूखा खत्म हुआ। चार महिलाएं चुनाव जीतीं, जो कुल विधायकों का करीब 13 फीसदी था।

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