@शब्द दूत ब्यूरो
जोशीमठ। चमोली में ग्लेशियर फटने से मची तबाही से कई पॉवर प्रोजेक्ट पर भी असर पड़ा है। भारतीय सेना समेत कई बचाव दल राहत कार्यों में जुटे हैं। वायुसेना से जुड़े सूत्रों ने बताया कि तपोवन विष्णुगाढ़ हाइड्रो पॉवर प्लांट पूरी तरह से तहस-नहस हो गया है।
तस्वीरें बता रही हैं कि धौलीगंगा और ऋषिगंगा नदी पर बने डैम पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं। यह क्षेत्र राजधानी देहरादून से करीब 280 किलोमीटर दूर है। तपोवन के पास मलारी घाटी की शुरुआत में बने दो पुल भी नष्ट हो चुके हैं। जोशीमठ और तपोवन के बीच मुख्य सड़क मार्ग पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है। घाटी में निर्माण कार्य और स्थानीय लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। प्रशासन की ओर से लोगों को राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।
हादसे के बाद चारों ओर मलबा ही मलबा दिखाई दे रहा है। एनटीपीसी अधिकारियों ने प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 520 मेगावॉट का तपोवन हाइड्रो-इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य जारी था। इसकी लागत 3000 करोड़ रुपये है। साइट पर काम कर रहे करीब 170 श्रमिक लापता हैं। उनकी तलाश में अभियान जारी है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, थलसेना, वायुसेना समेत कई बचाव दल राहत कार्यों में जुटे हैं। सुरंग में फंसे कई मजदूरों को बाहर निकाला जा चुका है।