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इजरायली दूतावास में हुए धमाके का मकसद सिर्फ एक मैसेज देना था:दिल्ली पुलिस 

@शब्द दूत ब्यूरो

नई दिल्ली। इजराइली दूतावास के बाहर धमाका मामले में दिल्ली पुलिस सूत्रों का कहना है कि शुरुआती जांच में ये साफ हुआ है कि कम इंटेंसिटी ब्लास्ट के पीछे का मकसद सिर्फ एक मैसेज देना था। इस ब्लास्ट के बाद सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं, क्योंकि ये ब्लास्ट किसी बड़ी साजिश का ट्रायल हो सकता है। पुलिस को मौके से एक सीसीटीवी कैमरे की फुटेज मिली है, जिसमें सन 1970 का टाइम आ रहा है, इसमे लाइव फुटेज चल रही है, लेकिन पीछे की फुटेज को रिट्रीव करने में जांच एजेंसी को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

इजरायली दूतावास के पास जहां ब्लास्ट हुआ है, वहां गड्ढा हुआ है. पुलिस ने वहां से बॉल बारिंग और आईईडी के अवशेष बरामद किए हैं। फॉरेंसिक टीम को अमोनियम नाइट्रेट के इस्तेमाल के निशान मिले हैं, क्योंकि गड्ढा कम हुआ था। सूत्रों का कहना है कि धमाके में आरडीएक्स का इस्तेमाल होता तो गड्ढा और उसका इम्पैक्ट ज्यादा होता। मौके पर एक गुलाबी रंग का दुपट्टा भी मिला है, जो आधा जला हुआ है। पुलिस ब्लास्ट के गुलाबी दुपट्टे का कनेक्शन तलाश रही है। जो लिफाफा मौके से बरामद हुआ है वह एकदम कोरा है। घटनास्थल से महज 12 गज की दूरी पर लिफाफा मिला था जिसके फिंगर प्रिंट ट्रेस किए जायेंगे। ये लेटर इजरायल के एम्बेसडर को लिखा गया था।

जो लेटर बरामद हुआ है, वह इजरायल के राजदूत को संबोधित किया गया है। पत्र में कहा गया है कि ये एक “ट्रेलर” था। इसमें 2020 में दो ईरानियों की मौत का भी जिक्र किया गया है- जिसमें ईरान के एक शक्तिशाली जनरल कासिम सुलेमानी और ईरान के परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फकरिज़ादेह का जिक्र है। 23 जनवरी को आईबी ने जेरुसलम के यहूदियों पर भारत में हमले के बारे में अलर्ट जारी किया था। इजरायली एजेंसियों के अधिकारी दिल्ली पुलिस और भारतीय एजेंसियों की सहायता के लिए दिल्ली को रवाना हो चुके हैं।

दिल्ली पुलिस और जांच एजेंसियां कई जगहों पर जांच के लिए जा रही हैं, जहां ईरानी संदिग्ध छिपे हो सकते हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि ये बम इस स्पॉट पर बाकायदा रेकी करके मिट्टी में दबाया गया था। ब्लास्ट जिंदल हाउस के करीब हुआ है और वहां कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है। जिंदल हाउस की दीवार काफी लंबी है। एक कैमरा ब्लास्ट वाली जगह पर पेड़ के पास लगा है लेकिन उस कैमरे की फुटेज अभी तक रिट्रीव नहीं हो पाई है उसमें कोई फाल्ट हैं।

पुलिस के मुताबिक आईईडी लगाने से पहले पूरे इलाके की रेकी की गई और उसके बाद आईईडी लगाया गया। इसके अलावा पुलिस को अब्दुल कलाम रोड की तमाम सीसीटीवी फुटेज मिली है जिसकी जांच की जा रही है। आसपास के तमाम सीसीटीवी फुटेज का डंप लिया गया है, जिसे खंगाला जा रहा है। एक कैब जो सीसीटीवी में देखी गई थी उस कैब ड्राइवर को एयरपोर्ट के पास ट्रेस करके पुलिस ने बात की, उसका इस अटैक से कोई लिंक नही निकला वो किसी सवारी को छोड़कर जा रहा था।

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