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किसान आंदोलन: सिंघु बॉर्डर पर हुआ बवाल, आखिर धरना स्थल तक कैसे पहुंची भीड़

@शब्द दूत ब्यूरो

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर किसान का विरोध प्रदर्शन जारी है। गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर मार्च के दौरान दिल्ली में हिंसा के बाद किसान आंदोलन कुछ ठंडा पड़ता दिख रहा था, लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत के आंसुओं से  प्रदर्शन एक बार फिर रफ्तार पकड़ रहा है। इस बीच, खबर है कि सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों और स्थानीय लोगों के बीच पत्थरबाजी हुई। स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े।

जानकारी के मुताबिक, तथाकथित स्थानीय लोगों और प्रदर्शनकारियों के बीच पथराव करीब एक बजे शुरू हुआ, जब सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे लोगों को प्रदर्शन स्थल पर जाने की अनुमति दी गई। प्रदर्शनकारी किसानों और इन लोगों के बीच सिर्फ एक मजबूत बॉर्डर बचा रह गया था। ऐसे में सवाल उठता है कि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद खुद को लोकल बताने वाले लोगों को इतने आगे कैसे आने दिया गया जबकि मीडिया की गाड़ी और दिल्ली सरकार के टैंकरों को भी एक किलोमीटर पहले ही रोक दिया जाता है।

सिंघु बॉर्डर पहुंचे स्थानीय लोगों ने पहले नारेबाजी की और कुछ समय बाद किसानों की वॉशिंग मशीनों को तोड़ना शुरू कर दिया। खुद को लोकल बताने वाले लोगों ने कुछ टेंट भी तोड़ दिए। जिसके बाद स्थिति अनियंत्रित हो गई। दोनों पक्षों की ओर से पत्थरबाजी की गई। स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े तब कहीं जाकर स्थिति पर काबू किया जा सका। इस दौरान, एक शख्स ने स्थानीय एसएचओ पर तलवार से हमला कर दिया।

सिंघु बार्डर पर चल रहे प्रदर्शन को देखते हुए धरना स्थल तक पैदल जाने पर भी पूरी तरह रोक है। भारी सुरक्षा बल की तैनाती है। दिल्ली पुलिस के अलावा सीआरपीएफ, बीएसएफ, आरएएफ की भी ज़बरदस्त तैनाती है। प्रदर्शन स्थल तक जाने वाले तमाम रास्तों को भी पूरी तरह सील कर दिया गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि ये लोग इतने आगे तक कैसे आ गए?

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