देहरादून । देशव्यापी भारत बंद का उत्तराखंड में मिला जुला असर देखने को मिल रहा है। अभी तक मिली खबरों के अनुसार उत्तराखंड के ऊधमसिंहनगर में सबसे ज्यादा असर देखा जा रहा है। वहीं राजधानी देहरादून में भारत बंद का कोई खास असर नजर नहीं आया। हालांकि कांग्रेस की ओर से सड़कों पर आकर बंद को सफल बनाने के लिए प्रयास किए गये। कुछ जगहों पर दुकानदारों से हल्की फुल्की नोकझोंक भी देखने को मिली। फिर भी स्थिति शांत रही।
राजधानी देहरादून के पलटन बाजार में भी व्यापारियों ने दुकानें बंद रखकर भारत बंद का समर्थन किया। हालांकि देहरादून में भी बंद का व्यापक असर नजर नहीं आया। डोईवाला में बंद के समर्थन में दुकानें बंद रखी गईं। वहीं किसानों द्वारा रैली निकाल कर विरोध दर्ज कराया गया।
भारत बंद का सबसे ज्यादा असर ऊधमसिंह नगर में देखने को मिला। यहाँ प्रशासन की ओर से विशेष एहतियात बरती गई है और जिले में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। सुबह से ही सभी दुकानें बंद रखी गईं। मुख्य चौराहों पर सुरक्षा के लिहाज से पुलिस बल तैनात रहा। किसानों के भारत बंद को तमाम राजनैतिक दलों और विभिन्न संगठनों का समर्थन है। जिला मुख्यालय में खुली कुछ दुकानों को व्यापारियों ने बंद कराया। यहाँ किसानों के समर्थन में कांग्रेसियों ने केंद्र सरकार का पुतला फूंका। बाजपुर में भी किसानों के समर्थन में बाजार बंद कराया गया। उधर जसपुर में भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरना प्रदर्शन किया गया। जाम लगाने की वजह से यहाँ यातायात डायवर्ट किया गया है।
यहाँ काशीपुर में कृषि बिल के विरोध में देशव्यापी भारत बंद किसानों को समर्थन करते हुए महानगर कांग्रेस कमेटी द्वारा आज नगर निगम के गेट के सामने धरना प्रदर्शन किया गया। केंद्र सरकार के हिटलरशाही कृषि बिल को शीघ्र वापस लेने के लिए प्रदर्शन किया गया । धरना प्रदर्शन में महानगर अध्यक्ष संदीप सहगल एडवोकेट ने कहा की भाजपा सरकार किसानों के अस्तित्व को समाप्त करना चाहती है। उन्होंने कहा कि आज देश का किसान कृषि बिल के विरोध में सड़कों पर पिछले 11 दिनों से दिल्ली के तमाम वोटरों पर शांतिपूर्वक केंद्र सरकार के नुमाइंदों से मिलने का आग्रह कर रहा था। और कई बार केंद्र सरकार और किसानों के बीच बैठक भी हुई। जिसमें केंद्र सरकार के नियमों को किसानों ने सिरे से नकारते हुए एक दिन का भारत बंद का फैसला किया। उन्होंने कहा कि आज देश का अन्नदाता सड़कों पर है। तो मात्र केंद्र सरकार के हिटलरशाही फैसले के कारण।
देशव्यापी भारत बंद को सफल बनाने के लिए तमाम व्यापारियों ने भी अपना समर्थन किसानों के हक में देते हुए अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद रखें धरना प्रदर्शन में मौजूद लोगों में पीसीसी सदस्य श्रीमती मुक्ता सिंह, इंदूमान ,अरुण चौहान ,इंदर सिंह एडवोकेट , अब्दुल सलीम एडवोकेट, महेंद्र बेदी , जय सिंह गौतम, चेतन अरोरा, जितेंद्र सरस्वती ,रोशनी बेगम ,सुरेश शर्मा जंगी, शशांक सिंह, अलका पाल , गीता चौहान , अनीस अंसारी , प्रभात साहनी ,जतिन नरूला ,त्रिलोक सिंह अधिकारी ,उमेश सोदा ,शफीक अंसारी ,विमल गुड़िया , संजय चतुर्वेदी ,विकल्प गुड़िया, अफसर अली, डॉ अशफाक, सुभाष पाल, मंसूर अली मंसूरी, नौशाद पार्षद, इलियास माहीगीर, महेंद्र लोहिया, नितिन कौशिक, ब्रह्मा सिंह पाल , राशिद फारुकी, तरुण लोहनी, मुशर्रफ हुसैन, रवि ढींगरा ,जफर मुन्ना, अतुल पांडे ,राजीव चौधरी, वसीम अट्टू वसीम अकरम वर्तमान व्यापारी एवं किसान बंधु धरना प्रदर्शन में मौजूद थे। उधर भारतीय किसान यूनियन के रविन्द्र राणा के साथ तमाम किसानों ने टांडा तिराहे पर एकत्र होकर बाजार बंद कराने के लिए मार्च निकाला। वहीं व्यापार मंडल ने भी भारत बंद के समर्थन में बाजार बंद कराया। यहाँ इक्का दुक्का दुकानें खुली नजर आई। ढेला पुल पर किसानों ने चक्का जाम कर केन्द्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया। यहाँ मौजूद किसान नेताओं में गगन कांबोज, प्रभपाल सिंह, वीरजोत सिंह, प्रताप विर्क, प्रभजोत ग्रेवाल समेत सैकड़ों की संख्या में मौजूद रहे।
उधर कूंडा चौराहे पर किसानों ने चक्का जाम कर एक सभा का आयोजन किया और धरना दिया।