काशीपुर । नगर के राजनेता अब पूरी तरह चुनावी मोड में आ गये हैं। खासकर लगातार चुनाव हारती आ रही कांग्रेस के दावेदार सबसे ज्यादा मुखर दिखाई दे रहे हैं।
पूर्व मेयर प्रत्याशी व पीसीसी सदस्य मुक्ता सिंह ने बीती शाम एक मॉल के रेस्टोरेंट में पत्रकारों से बातचीत में किसान आंदोलन और शहर के विकास के मुद्दों पर भाजपा को घेरा। देशव्यापी किसान आंदोलन पर मुक्ता सिंह ने केन्द्र की भाजपा सरकार को किसान विरोधी बताते हुए किसान आंदोलन का समर्थन किया तो शहर की मेयर पर चुनाव के दौरान जनता से किये वायदों पर खरा नहीं उतरने का आरोप लगाया।
कांग्रेस नेत्री मुक्ता सिंह ने यूं तो किसान आंदोलन और शहर के विकास पर बात की लेकिन उन्होंने इस पत्रकार वार्ता के माध्यम से यहाँ अपनी दावेदारी पेश कर दी। पिछले मेयर चुनाव में खुद की हार पर कांग्रेस की गुटबाजी को सिरे से नकारते हुए मुक्ता सिंह ने कहा कि वह मेयर का चुनाव हारी नहीं थी उन्हें बेईमानी से हराया गया था। और साजिशन उन्हें फर्जी और झूठे मामले में जेल भेज दिया गया। ताकि वह चुनाव में हुई धांधली पर कार्रवाई न कर पायें।
वार्ता में उन्होंने मोदी को साहूकारों और पूंजीवादी सोच का व्यक्ति बताया। मुक्ता सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा पारित तीनों ही कृषि अध्यादेश किसानों के हित मे नहीं हैं और तीनों ही पूँजीवादिता को बढ़ावा देने वाले हैं। जब कॉरपोरेट फार्मिंग आ जायेगी तो छोटे किसानों की खेती किसानी ले लेंगे और उस पर लोन लेकर उसे अपने नाम कर लेंगे। आंदोलन कर रहा किसान यह बताना चाह रहा है कि यह सरकार किसान विरोधी सरकार है।
वार्ता में उन्होंने शहर के विकास के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि काशीपुर विकास से कोसों दूर रह गया है। उन्होंने कहा कि जब मैंने मेयर का चुनाव लड़ने के समय उषा चौधरी ने काफी वादे किए थे लेकिन वह वादे धरातल पर नहीं उतरे। उन्होंने मौजूदा मेयर पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह उन क्षेत्रों में विकास कार्य व सफाई व्यवस्था नहीं कराती हैं जहाँ से उन्हें वोट नहीं मिले। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विकास कार्य सांप्रदायिक व धार्मिक आधार पर किये जा रहे हैं। शहर में गंदगी का अंबार लगा दिया है लेकिन दो बार निगम को उत्तम सफाई का पुरस्कार मिल गया। सड़कें टूटी पड़ी हैं। साथ ही नगर निगम में परिसीमन के बाद सम्मिलित हुए नए क्षेत्र विकास कोसों दूर हैं।