@शशांक राणा
रुद्रप्रयाग। विधि-विधान और वैदिक मंत्रोचार के साथ बाबा केदारनाथ के कपाट आज शीतकाल के लिए बंद हो गये। शीत काल के दौरान छह माह तक बाबा केदारनाथ के कपाट बंद रहेंगे।
परंपरा के अनुसार आज बाबा केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली केदारनाथ धाम से अपने शीतकालीन गद्दी स्थल के लिए रवाना हो गयी। डोली के साथ भक्त और श्रद्धालु बम बम भोले के जयकारों के साथ चल रहे थे।
3 दिन बाद डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी। बाबा की पंचमुखी डोली का आज पहला रात्रि पड़ाव गौरी माई मंदिर गौरीकुंड में होगा। कल गौरीकुंड से प्रस्थान कर रात्रि विश्राम रामपुर फाटा में होगा।
18 नवंबर को बाबा केदारनाथ की पंचमुखी डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में पहुच जायेगी और शीतकाल के अगले छह माह यहीं पर बाबा केदारनाथ की पूजा अर्चना की जाने की परंपरा है।