@शब्द दूत ब्यूरो
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने पराली पर बाॅयो डीकंपोजर केमिकल छिड़काव के प्रभावों का अध्ययन करने के लिए 15 सदस्यीय पूसा बाॅयो डीकंपोजर इंपैक्ट कमेटी गठित की है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि कमेटी में 5 विधायकों को भी शामिल किया गया है, जो अधिकारियों और पूसा के वैज्ञानिकों साथ प्रभावों का आंकलन करेंगे और दिल्ली सरकार दीपावली बाद आंकलन रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखेंगे। राय ने केंद्र सरकार के गठित नए आयोग से अपेक्षा की है कि आयोग सभी राज्यों में टीम बना कर राज्य सरकार की तरफ से बाॅयो डीकंपोजर केमिकल का छिड़काव कराना सुनिश्चित करेगा।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के अंदर बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से पिछले एक महीने से ‘युद्ध, प्रदूषण के विरुद्ध’ अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत दिल्ली में प्रदूषण पैदा करने वाले सभी स्रोतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार अलग-अलग मोर्चों पर काम कर रही है।
दिल्ली के अंदर पराली बहुत कम जलती है, लेकिन इस बार लॉकडाउन और कोरोना की वजह से मजदूरों के घर जाने से मशीन से फसल की काफी कटाई की गई। राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र (पूसा) के साथ मिलकर दिल्ली सरकार ने पराली को जलाने की बजाय गलाने के लिए दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में बायो डीकंपोजर का निःशुल्क छिड़काव किया है।
गौरतलब है कि दिल्ली के लगभग 2000 एकड़ क्षेत्र में गैर बासमती धान की उपज होती है, उसमें से अब तक 1800 एकड़ खेतों में बाॅयो डीकंपोजर का छिड़काव हो चुका है। नजफगढ़ क्षेत्र में कुछ जगहों पर पानी लगने से धान की कटाई देर से हुई है। अगले तीन से चार दिनों में हम 2000 एकड़ जमीन पर छिड़काव के लक्ष्य को पूरा कर लेंगे।