नई दिल्ली। उत्तराखंड में पूर्व मुख्यमंत्रियों से सरकारी बंगले का किराया वसूलने का मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को फिलहाल राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड में सरकारी बंगले का किराया नहीं देने पर पूर्व सीएम निशंक के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही पर रोक लगाई है। पोखरियाल ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्रियों से बाजार मूल्य पर सरकारी बंगलों का किराया देने के लिए कहा गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी आवास का किराया नहीं देने पर पूर्व सीएम के खिलाफ अवमानना कार्यवाही पर रोक लगाई है। साथ ही पीठ ने उत्तराखंड सरकार को नोटिस भी जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को अन्य समान याचिकाओं के साथ टैग किया। गौरतलब है कि निशंक सरकारी बंगलों के किराए का भुगतान करने को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।
उत्तराखंड हाई कोर्ट में रमेश पोखरियाल के खिलाफ चुनाव याचिका लंबित है जो हरिद्वार लोक सभा से भाजपा के बागी प्रत्याशी मनीष वर्मा ने दायर की हुई है जिसमें कहा गया कि चुनाव के नामांकन में निशंक ने झूठा शपथ पत्र दिया कि उनपर कोई देनदारी नहीं है ।
वहीं उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को अवमानना का नोटिस जारी किया था। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने भगत सिंह कोश्यारी से भी चार सप्ताह में जवाब देने को कहा था। साथ ही उच्च न्यायालय ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास और अन्य सुविधाओं का बकाया छह माह के भीतर जमा करने के निर्देश दिए थे।