नैनीताल। हरिद्वार से सांसद व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल द्वारा अपने चुनाव के नामांकन के दौरान दिए गए शपथ पत्र में कहा गया कि उनके ऊपर कोई सरकारी देनदारी नहीं है। जबकि उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने ही रमेश पोखरियाल पर पूर्व मुख्यमंत्री रहते बड़ी देनदारी निकालते हुए ऐतिहासिक फैसला दिया है। बता दें कि पिछले हफ्ते डा रमेश पोखरियाल निशंक ने 10 लाख रुपये जमा भी करवाए। लेकिन देनदारी 50 लाख बताते हुए याचिका कर्ता ने पुनः अवमानना दाखिल कर दी जिस पर आज राज्य सरकार के सचिव दीपेंद्र चौधरी को नोटिस भी जारी कर दिया है।
वहीं इसी तथ्य सहित अपनी एजुकेशन के तथ्य छिपाने , पूरी संपत्ति न बताने सहित अन्य कई तथ्यों के आधार पर भाजपा के बागी प्रत्याशी मनीष वर्मा ने चुनाव के दौरान और बाद में चुनाव याचिका दाखिल की थी जिस पर कल 16 अक्टूबर को सुनवाई होनी है ।
देखना यह है कि उच्च नयायालय द्वारा अपने ही देनदारी के फैसले पर आधारित इस याचिका पर क्या आदेश करता है?