नई दिल्ली। मशहूर कारोबारी अनिल अंबानी को फिलहाल बड़ी राहत मिली है। दिल्ली हाईकोर्ट ने रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड और रिलायंस इंफ्राटेल लिमिटेड द्वारा स्टेट बैंक से लिए गए लोन को लेकर उनकी ओर से दी गई व्यक्तिगत गारंटी से संबंधित मामले में दिवाला और दिवालियापन संहिता की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। गौरतलब है कि राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने रिलायंस कम्युनिकेशंस के चेयरमैन अनिल अंबानी के खिलाफ दिवालिया कानून की व्यक्तिगत गारंटी धारा के तहत 1,200 करोड़ रुपये वसूलने के लिये दिवाला प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया था।
अनिल अंबानी ने अगस्त 2016 में भारतीय स्टेट बैंक द्वारा रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस इंफ्राटेल को दिये गये ऋण की व्यक्तिगत गारंटी दी थी। एनसीएलटी की मुंबई पीठ ने 20 अगस्त को दिये अपने आदेश में कहा था कि रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस इंफ्राटेल दोनों जनवरी 2017 में और उसके आसपास कर्ज की किस्तें चुकानें में असफल रहीं। दोनों ऋण खाते को पुरानी तारीख से 26 अगस्त 2016 से प्रभावी रूप से गैर निष्पादित खाते (एनपीए) के रूप में वर्गीकृत कर दिया गया था। एनसीएलटी ने मामले में एक समाधान पेशेवर की नियुक्ति का आदेश दिया था और एसबीआई को आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा था।