काशीपुर । काशीपुर में अपने अस्तित्व को तलाश रही कांग्रेस पुनर्जीवित करने की कोशिश में लगे संदीप सहगल इन दिनों अपनी विशेष कार्यशैली को लेकर चर्चाओं में हैं। काशीपुर की कांग्रेसी राजनीति का इन दिनों वह केंद्र बने हुए हैं। समर्थकों में ही नहीं अपने विरोधियों के बीच चर्चा का विषय बने संदीप सहगल अब स्थानीय जन समस्याओं पर मुखर हो रहे हैं।
कई वर्षों से महानगर कांग्रेस अध्यक्ष पद पर रहते हुए वह कांग्रेस की हारों के बावजूद पार्टी को पटरी पर लौटाने की पुरजोर कोशिश में जुटे हैं। इधर कुछ समय से संदीप सहगल ने राष्ट्रीय और प्रादेशिक मुद्दों के साथ साथ काशीपुर की जनसमस्याओं को भी जनता के बीच जाकर उठाने का बीड़ा उठाया है। आमतौर पर ऐसा नेता तब करते हैं जब उन्हें चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया जाता है और वह शहर में मतदाताओं से संपर्क करता दिखाई देता है। लेकिन संदीप सहगल आम जनता के करीब जाकर उनसे मिल रहे हैं।
संदीप सहगल की यह बदली हुई रणनीति कितनी कामयाब हो पायेगी? यह तो समय बतायेगा। लेकिन जनता के पास जाकर उनसे बात करना एक अच्छी शुरूआत है। तमाम जनसमस्याओं को उठाकर आम जनता में अपनी पैठ बनाने की कोशिश कामयाब भी हो सकती है।
हालांकि लोगों को इंतजार है कि इस बार काशीपुर से संदीप सहगल पार्टी का चेहरा हो सकता है। कई दिग्गज पहले भाग्य आजमा चुके हैं। लेकिन कांग्रेस को अब एक नये चेहरे पर दांव खेलना होगा। चेहरा भी ऐसा जो जनता के बीच जाना-पहचाना चेहरा हो। अभी डेढ़ साल का समय है। और पार्टी के लिए काम कर रहे चेहरे के बजाय एकाएक किसी नये चेहरे को सामने लाने से परिणाम फिर वही होगा। ऐसा काशीपुर की राजनीति के जानकारों का मानना है।