बेंगलुरू। कांग्रेस में तत्काल सांगठनिक सुधारों की मांग करने वाले पार्टी के 23 वरिष्ठ नेताओं में शामिल एम वीरप्पा मोइली ने मंगलवार को कहा, ‘‘अगर हमने सोनिया गांधी की भावनाओं को ठेस पहुंचाई हो तो हमें इसके लिए खेद है।” मोइली ने कहा कि उन्होंने कभी सोनिया के नेतृत्व पर सवाल नहीं उठाया। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष को लिखे पत्र पर दस्तखत करने का बचाव करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह बात कही। मोइली ने यह पत्र मीडिया को लीक होने पर भी अफसोस जताया और कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाने के लिए आंतरिक जांच होनी चाहिए और उन्हें सजा दी जानी चाहिए।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्र लिखने वाले 23 नेताओें में से किसी का इरादा कांग्रेस छोड़ने का नहीं है। उन्होंने कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के बाद कहा, ‘‘हमने कभी सोनिया जी के नेतृत्व पर सवाल नहीं उठाया।” गौरतलब है कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के हाथ हरसंभव तरीके से मजबूत करने का निर्विरोध प्रस्ताव पारित किया था और यह भी स्पष्ट किया गया था कि किसी को भी पार्टी और उसके नेतृत्व को कमजोर करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
मोइली ने कहा, ‘‘सोनियाजी पार्टी के लिए मां की तरह हैं। हम अब भी उनका सम्मान करते हैं। उनकी भावनाओं को आहत करने की मंशा होने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता। अगर हमने उनकी भावनाओं को आहत किया हो तो उसके लिए हमें खेद है।” सोनिया ने सीडब्ल्यूसी में अपने समापन संबोधन में पद पर बने रहने पर सहमति जताई थी लेकिन कहा कि यह व्यवस्था लंबे समय तक नहीं रह सकती और जल्द नये पार्टी अध्यक्ष का चुनाव करना होगा।
मोइली ने कहा कि कांग्रेस कठिन समय से गुजर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हम कांग्रेस पार्टी को हारने नहीं दे सकते, जिसे हमने अपने पसीने, समर्पण और बलिदान से सींचा है।” उन्होंने कहा, ‘‘हम सोनियाजी के बलिदान को स्वीकार करते हैं। वह पद लेने की इच्छुक नहीं थीं, लेकिन उन्होंने कांग्रेस पार्टी को अपना जीवन दे दिया। कोई सोनियाजी के प्रति कृतघ्न नहीं हो सकता।”