नई दिल्ली। कल राहुल गांधी जिस तरीके से अचानक सड़क पर उतरे और मजदूरों से मिले उसके बाद केंद्र सरकार हड़बड़ा गई। पहले तो उन्होंने उन श्रमिकों को हिरासत में लिया ओर कह दिया कि एक वाहन में इतने लोग नहीं जा सकते । जब छोटी छोटी गाड़ियों में उन्हें भेजा गया उसके बाद देर रात दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल चौधरी को उनके घर में ही गिरफ्तार कर लिया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने मास्क नहीं लगाया सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया। बता दें कि अनिल चौधरी ने सड़क पर बैठे श्रमिकों को अलग-अलग कई गाड़ियों में घर भिजवाने की व्यवस्था की।
देश की राजधानी दिल्ली के प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अनिल चौधरी को उनके अपने ही घर में डिटेन कर दिया गया है। पूर्वी दिल्ली के डीसीपी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि कांग्रेस नेता को डिटेन किया गया है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि अनिल चौधरी और अन्य कांग्रेस कार्यकर्ता 16 और 17 मई को प्रवासी मजदूरों को गाड़ियों में भरकर दिल्ली-यूपी बॉर्डर तक ले आए। इससे कानून और व्यवस्था को बनाए रखने में समस्या खड़ी हो गई। डीसीपी ने बताया कि इससे हालात बिगड़ रहे थे।
कांग्रेस नेता अनिल चौधरी का आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने उन्हें सुबह से ही डिटेन कर रखा है। पूछने पर स्पष्ट वजह भी नहीं बताई जा रही है। बस इतना पूछा जा रहा है कि क्या मैं गाजीपुर बॉर्डर गया था? अनिल चौधरी ने कहा कि वे लोग उन लोगों की सेवा कर रहे हैं, जो लोग अपना गांव-घर जाना चाहते हैं। क्या सेवा करना गुनाह है? न्यू अशोक नगर के एस एच ओ पुलिसकर्मियों के साथ अनिल चौधरी के घर पहुंचे और उन्हें बाहर जाने नहीं दिया जा रहा है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी आज दिल्ली की सड़कों पर श्रमिकों के साथ सड़क पर बैठे दिखे। उन्होंने प्रवासी मजदूरों से मुलाकात की हैै। कांग्रेस नेता ने शनिवार को दिल्ली के सुखदेव विहार फ्लाईओवर के पास मजदूरों से मुलाकात की। राहुल गांधी ने उनसे बातचीत की और उनकी समस्याएं जानी। बता दें कि राहुल गांधी मोदी सरकार को घेरने के लिए लगातार कोशिशें करते रहते हैं। लॉकडाउन के दौरान ही राहुल गांधी ने सरकार के कई फैसलों पर सवाल उठाए थे। प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर वह सरकार पर हमलावर हैं।
अभी खबर मिली है कि दिल्ली पुलिस ने उन सभी श्रमिकों को हिरासत में ले लिया जिन से राहुल गांधी ने सड़क पर बातचीत की थी । हालांकि पहले दिल्ली पुलिस का कहना था कि उनको ऐसा करने के लिए ऊपर से आदेश मिले थे। उसके बाद में पुलिस ने अपना बयान बदला है और कहा है कि कांग्रेस के कार्यकर्ता इन श्रमिकों को उनके घर भेजने के लिए किसी ट्रक जैसे वाहन पर चढ़ाना चाहते थे। क्योंकि यह काम गैरकानूनी है इसलिए उन्होंने उन श्रमिकों को ट्रक पर चढ़ने से रोका है ना कि हिरासत में लिया है। हालांकि बाद में कांग्रेस ने कई कारों में इन श्रमिकों को बुन्देलखण्ड में मऊ रानीपुर तक भेजा गया। इन सभी को भोजन, मास्क आदि दिया गया।
कुल मिलाकर देखें तो यह मामला महज उन लोगों को डराने और धमकाने का है जो लोग राहुल गांधी से बात कर रहे थे।