@शब्ददूत ब्यूरो
नई दिल्ली। कोरोना वायरस संकट के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कोविड-19 पर अपने सुझाव दिए हैं। राहुल गांधी ने कहा कि हम कोरोना वायरस से लड़ने के लिए और उससे उपजी चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप से लड़ने के लिए सरकार जो कदम उठा रही है, उसमें सहयोग करने के लिए हम तैयार हैं। उन्होंने पत्र में लिखा, ” तेजी से फैलते हुए कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया के देशों के देशों को त्वरित कदम उठाने के लिए मजबूर किया। फिलहाल, भारत तीन हफ्तों के लॉकडाउन के दौर से गुजर रहा है। मुझे संदेह है कि सरकार इसे और बढ़ा सकती है।
उन्होंने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा, “हमारे लिए यह समझना बहुत जरूरी है कि भारत की परिस्थितियां अलग हैं। हमें कोरोना वायरस को लेकर दूसरे देशों की रणनीति से इतर कदम उठाने होंगे। हमारे देश में दिहाड़ी आमदानी पर काम करने वाले लोगों की संख्या ज्यादा है। ऐसे में एकतरफ से सारी आर्थिक गतिविधियों को बंद नहीं किया जा सकता है। आर्थिक गतिविधियों को पूरी तरह से बंद करना कोविड-19 से होने वाली मौतों की संख्या को बढ़ा देगा।
राहुल गांधी ने कहा कि हमारी प्राथमिकता बुजुर्गों को वायरस से बचाने और उन्हें अलग-थलग रखने तथा युवाओं से मजबूती के संपर्क साधने की होनी चाहिए ताकि वह बुजुर्गों से उचित दूरी कायम रखें। भारत में लाखों की संख्या में बुजुर्ग गांवों में रहते हैं। पूर्णरूप से बंदी और आर्थिक गतिविधियों के रूक जाने से लाखों युवा बेरोजगार हो जाएंगे और वापस अपने गावों की ओर जाने लगेंगे। इससे उनके अपने परिवारों और गांवों में रह रहे बुजुर्ग आबादी को संक्रमित करने का खतरा बढ़ जाएगा। जिससे भारी संख्या में लोगों की जान खतरे में पड़ जाएगी।