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बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च: प्रतिबंधित कफ सिरप के खिलाफ उत्तराखंड में एफ.डी.ए. की ताबड़तोड़ कार्रवाई, 63 औषधियों के सैंपल जांच हेतु भेजे गए

@शब्द दूत ब्यूरो (06 अक्टूबर 2025)

देहरादून। प्रदेश में बच्चों की सुरक्षा और जनस्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देश पर खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफ.डी.ए.) उत्तराखंड ने पूरे राज्य में प्रतिबंधित और संदिग्ध कफ सिरप की बिक्री एवं वितरण के खिलाफ सघन अभियान शुरू किया है।

आयुक्त, खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन डॉ. आर. राजेश कुमार के आदेश पर प्रदेशभर में एफ.डी.ए. की टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं। मेडिकल स्टोर्स, थोक विक्रेताओं और अस्पतालों से सैंपल एकत्र कर उन्हें परीक्षण हेतु प्रयोगशालाओं को भेजा गया है। अब तक 63 औषधियों के नमूने जांच के लिए भेजे जा चुके हैं।

देहरादून स्थित एफ.डी.ए. मुख्यालय में अपर आयुक्त एवं ड्रग कंट्रोलर ताजवर सिंह जग्गी ने पत्रकारवार्ता में बताया कि राजस्थान और मध्य प्रदेश में कफ सिरप के सेवन से बच्चों के बीमार होने व मृत्यु की घटनाओं के बाद उत्तराखंड सरकार ने यह कदम एहतियातन और जनहित में उठाया है। उन्होंने कहा कि यह अभियान पूरे प्रदेश में पूरी संवेदनशीलता के साथ चलाया जा रहा है, ताकि बच्चों के स्वास्थ्य पर किसी भी प्रकार का प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।

उन्होंने बताया कि सभी जिलों में औषधि नियंत्रण अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सीएफटीओ, मेडिकल स्टोर्स, थोक विक्रेताओं और अस्पतालों से कफ सिरप के नमूने एकत्र कर अधिकृत प्रयोगशालाओं में भेजें। निर्माण कंपनियों से भी कच्चे माल जैसे पॉलीइथिलीन ग्लाइकॉल, सॉर्बिटॉल आदि के सैंपल लेकर गुणवत्ता जांच की जा रही है, ताकि उत्पादन स्तर पर गड़बड़ी की कोई संभावना न रहे।

अपर आयुक्त ताजवर सिंह जग्गी ने आम जनता से अपील की कि वे बिना डॉक्टरी सलाह के बच्चों को कोई भी कफ सिरप या औषधि न दें। उन्होंने कहा कि यदि बच्चों में सर्दी, खांसी या बुखार जैसे लक्षण हों, तो केवल योग्य चिकित्सक से परामर्श लें। उन्होंने यह भी कहा कि घर में रखी पुरानी या खुली दवाइयाँ बच्चों को बिल्कुल न दी जाएं, क्योंकि ऐसी दवाइयाँ प्रभावहीन या हानिकारक हो सकती हैं।

उन्होंने बताया कि आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्साधिकारियों को भारत सरकार की एडवाइजरी तत्काल लागू करने के निर्देश दिए हैं। औषधि दुकानों और निर्माण इकाइयों की नियमित निगरानी सुनिश्चित की जा रही है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि “हर बच्चे की सुरक्षा सर्वोच्च है।” राज्य सरकार औषधि एवं खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में किसी भी तरह की लापरवाही या गुणवत्ता से समझौता बर्दाश्त नहीं करेगी।

दीपावली से पहले खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता पर भी सख्त निगरानी शुरू कर दी गई है। मिठाइयों और अन्य खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए जा रहे हैं और राज्य सीमाओं पर निरीक्षण बढ़ाया गया है।

प्रेस वार्ता में अपर आयुक्त ताजवर सिंह जग्गी ने कहा कि एफ.डी.ए. का यह अभियान सरकार की जनहित प्रतिबद्धता का हिस्सा है। उन्होंने जनता और मीडिया से सहयोग की अपील की, ताकि अधिक से अधिक लोगों को जागरूक किया जा सके और किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य जोखिम की स्थिति से बचा जा सके।

 

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