नई दिल्ली। देश में कोरोना का कहर तेजी से बढ़ता जा रहा है। भारत में अब तक पांच सौ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और 10 लोगों की जान जा चुकी है। सोमवार को कोविड-19 (COVID-19) संक्रमित दो लोगों की मौत हो गई थी और आज मुंबई में एक व्यक्ति की मौत की खबर है। इस बीच अब ये बात सामने आ रही है कि भारत में भी इसके मामले तेजी से बढ़ सकते हैं।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की रिपोर्ट में कहा गया है कि काफी कोशिश की जाए और सबकुछ देशहित में होगा तभी कोविड-19 को तेजी से फैलने को रोका जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, अगर स्थिति अच्छी रही तो दिल्ली में इसके 15 लाख मामले हो सकते हैं, वहीं मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु में 5-5 लाख लोग इसके संक्रमण के शिकार हो सकते है।
आईसीएमआर की तरफ से 27 फरवरी को जारी रिपोर्ट में कहा गया था कि फरवरी से शुरू होकर 200 दिनों तक यह वायरस भारत में अपने चरम पर होगा। वहीं अगर बदतर हालात बनते हैं तो फरवरी से अगले 50 दिनों में ही भारत में इसके मामले काफी तेजी से बढ़े हुए दिख सकते हैं। ऐसे हालात में दिल्ली में संक्रमण का मामला एक करोड़ तक पहुंच सकता है, वहीं मुंबई में 40 लाख तक लोग इसकी चपेट में आ सकते हैं।
आईसीएमआर के अनुसार सामाजिक दूरी यानि सोशल डिस्टेंसिंग बनाने के सुझाव का कड़ाई से पालन करने से कोरोनावायरस महामारी के कुल संभावित मामलों की संख्या 60 प्रतिशत तक कम हो जाएगी।कोविड-19 के प्रसार की शुरुआती समझ के आधार पर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने जो गणितीय मॉडल तैयार किया है, उसके मुताबिक कोरोना वायरस के संदिग्ध लक्षणों वाले यात्रियों की प्रवेश के समय स्क्रीनिंग से अन्य लोगों में वायरस के संक्रमण को एक से तीन सप्ताह तक टाला जा सकता है।
आईसीएमआर ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस के लक्षणों वाले और संदिग्ध मामलों वाले लोगों के घरों में एकांत में रहने जैसे सामाजिक दूरी बनाने के उपायों का कड़ाई से पालन करने से कुल संभावित मामलों की संख्या में 60 प्रतिशत की और सर्वाधिक मामलों की संख्या में 89 प्रतिशत की कमी आएगी। और इस तरह से ग्राफ समतल हो जाएगा तथा रोकथाम के अधिक अवसर मिल सकेंगे।”