विनोद भगत
उत्तर प्रदेश में रेप पीड़िता के रिश्तेदारों की हत्या करवा दी जाती है। आरोपी जेल के अंदर बंद है लेकिन पीड़िता के परिजनों को फोन पर धमकी दी जाती है कि जिंदा रहना है तो समझौता कर लो। आरोपी सत्तारूढ़ भाजपा का सम्मानित विधायक आज तक है। यदि कोई सरकारी कर्मचारी एक निश्चित अवधि तक जेल में रहता है तो निलंबित हो जाता है। यहां भाजपा के मामले में में कोई नियम लागू नहीं होता।

वहीं इस मामले में पुलिस पर सवाल उठाए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि पीड़िता की सुरक्षा में लगा सुरक्षा कर्मी ही परिवार की हर जानकारी आरोपित पहुंचा रहा है। यहां यह याद दिला दें कि आजम खां ने एक आपत्तिजनक बात कह दी तो पूरे देश में बवाल मच गया। ठीक इसके विपरीत एक रेप पीड़िता की हत्या का प्रयास होता है तो किसी का खून नहीं खौलता कोई पुतले नहीं फूंकता। यह बिडम्बना है। आजम खां का बयान वास्तव में निंदा के योग्य था। लेकिन रेप करके हत्या का प्रयास करना मामूली घटना नहीं है। भाजपा को याद रखना चाहिए कि देश में लंबे समय तक राजनीतिक संघर्ष करने के बाद उसे प्रचंड बहुमत की सरकार बनाने का मौका मिला है। पर बनाने में सदियां लग सकती हैं और बिगड़ने में क्षण भर लगता है।
यहां पर महिला की अस्मिता मान सम्मान सब ताक पर रख दिये गये हैं, क्यों?इस प्रश्न का जब तक उत्तर नहीं मिलेगा। महिला सम्मान की बात करना बेमानी होगा।
