@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो
तिरुवनंतपुरम। एलडीएफ सरकार ने सोशल मीडिया पर भारी विरोध के बाद विवादित केरल पुलिस एक्ट में बदलाव को लागू करने का फैसला टाल दिया है। इस एक्ट के तहत इंटरनेट या सोशल मीडिया पर किसी आपत्तिजनक कंटेंट को लेकर पुलिस को असीमित अधिकार दिए गए हैं। सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक या मानहानि करने वाली पोस्ट पर पांच साल जेल औऱ दस हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि केरल पुलिस एक्ट में संशोधन को लागू नहीं किया जाएगा।
कानून में बदलाव को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने सवाल उठाए थे। सोशल मीडिया पर भी कहा गया कि यह लोकतंत्र की आवाज को दबाने का एलडीएफ सरकार का प्रयास है। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने भी इस कानून पर पुनर्विचार करने की बात कही थी। विजयन ने कहा कि एलडीएफ के सहयोगी दलों औऱ लोकतंत्र समर्थक तमाम वर्गों की ओर से इस पर चिंता जताई जा रही थी। लिहाजा कानून में बदलाव को लागू नहीं किए जाने का निर्णय़ किया गया है।
मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि पुलिस एक्ट में बदलाव की घोषणा के बाद से विभिन्न वर्गों की ओर से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आईं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा में इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की जाएगी और सभी दलों की राय जानने के बाद इस पर आगे निर्णय लिया जाएगा। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने भी इस नए कानून का विरोध करते हुए कहा था कि यह प्रेस की आजादी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ है। इसका दुरुपयोग मीडिया और सरकार के आलोचकों के खिलाफ किया जा सकता है।