काशीपुर । लॉकडाउन और भीषण कालाबाज़ारी के बीच पिस रहे लोग। शासन प्रशासन आदेश पर आदेश जारी किए जा रहा है। आटा दाल चावल रोजमर्रा की सभी आवश्यक वस्तुओं पर खुलेआम ब्लैक। मजे की बात यह है कि प्रशासन को सबूत चाहिए।
सब्जियों के रेट की लिस्ट कुछ दिनों तक तो जारी की गई उसके बाद मनमाने रेटों पर बिक रही हैं सब्जियाँ। अधिकारियों को फोन करो तो वह फोन उठाने की भी जहमत नहीं उठा रहे। आखिर ऐसी अव्यवस्थाओं के बीच लॉकडाउन में जनता अकेली ही पिसती नजर आ रही।
खासतौर पर काशीपुर में लॉकडाउन के दौरान अधिकारियों का रवैया तानाशाही की तरह है। जनता और अधिकारियों के बीच सेतु का काम कर रही मीडिया भी अधिकारियों के रवैये से हतप्रभ है। भोजन बनाकर मजबूर और गरीब लोगों को प्रशासन के माध्यम से वितरण करना भी अब दूभर हो गया है। ऐसा समझ नहीं आ रहा है कि मजबूरों को भोजन कराने से पहले अनुमति लेनी पड़ेगी। कैसे सहयोग होगा इस संकट की घड़ी में प्रशासन का और कैसे मदद होगी लोगों की? यह प्रश्न मुंह बाये खड़ा हो गया है।
स्वास्थ्य सुरक्षा के नाम पर सड़कों पर फड़ लगाकर सैनिटाइजर और मास्क बेचे जा रहे हैं। इस बारे में प्रशासन या स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई गाइडलाइंस नहीं है। यहाँ तक कि अधिकारियों से बात करने के लिए फोन करो तो वह उठाते नहीं।