@शब्द दूत ब्यूरो (24 अप्रैल, 2024)
अखिलेश यादव कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरेंगे. वह कल अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं. इस बात की पुष्टि खुद सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने की है. पहले सपा की ओर से यहां तेज प्रताप सिंह यादव को टिकट दिया गया था.
बताया जाता है कि इस बार तेज प्रताप यादव लोकसभा चुनाव लड़ना ही चाहते थे, इसे लेकर उन्होंने अखिलेश यादव से पैरवी की थी और अखिलेश इसके लिए तैयार भी थे. उन्होंने तेज प्रताप यादव की उम्मीदवारी का भी ऐलान कर दिया था, बुधवार को उन्हें नामांकन भी करना था, लेकिन एन वक्त पर उन्हें रोक दिया गया. अब बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव कल खुद नामांकन करेंगे.
स्थानीय नेताओं के दबाव में लिया फैसला
माना जा रहा है अखिलेश यादव के कन्नौज से चुनाव लड़ने के लिए स्थानीय नेताओं की जिद पर राजी हुए हैं. दरअसल कन्नौज के स्थानीय नेता किसी भी सूरत में तेज प्रताप यादव का समर्थन करने को तैयार नहीं थे. अखिलेश यादव ने खुद इन नेताओं से बातचीत की और उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं थे. इसके बाद अखिलेश यादव ने उनसे 24 घंटे का वक्त मांगा था.
बीजेपी के भाषणों से मिल रहा हार का संकेत
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने बुधवार को इटावा में कहा कि बीजेपी के नेता जो भाषण दे रहे हैं, इससे उनकी हार के साफ संकेत मिल रहे हैं. बीजेपी के बड़े नेता हों या पार्टी के छोटे कार्यकर्ता, पहले चरण के चुनाव के बाद जिस तरह से उनकी भाषा बदली है, जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है. उससे मुझे उम्मीद है कि चुनाव आयोग इस पर कार्रवाई करेगा. अखिलेश यादव ने कहा कि अगर वे हार नहीं रहे होते तो उनकी यह भाषा ऐसी नहीं होती. बीजेपी संविधान बदलना चाहती है और जो लोग संविधान बदलना चाहते हैं. लोग उन्हें बदल देंगे.
मैनपुरी से सांसद रह चुके हैं तेज प्रताप
अखिलेश यादव ने कन्नौज से तेज प्रताप यादव को टिकट दिया था. वह बुधवार को पर्चा दाखिल करने वाले थे. इससे पहले तेज प्रताप यादव मैनपुरी से सांसद रह चुके हैं. वह इस बार चुनाव लड़ना चाहते थे. इसीलिए अखिलेश यादव ने कन्नौज सीट से उन्हें उम्मीदवार घोषित कर दिया था. हालांकि अब उनकी उम्मीदवारी खतरे में पड़ती दिखाई दे रही है. तेज प्रताप लालू यादव के सबसे छोटे दामाद हैं. उनकी लालू की सबसे छोटी बेटी राजलक्ष्मी से शादी हुई है.