@शब्द दूत ब्यूरो (02 मार्च, 2024)
इजराइल और ईरान की दुशमनी किसी से भी छुपी नहीं है. इजराइल कई सालों से सीरिया में ईरान से जुड़ी जगहों को निशाना बनाता रहा है. पिछले साल 7 अक्टूबर को इजराइल हमास जंग शुरू होने के बाद इस तरह के हमलों में लगातार इजाफा हो रहा है. इस कड़ी में ईरान की रिवोल्यूशनरी गार्ड्स नौसेना का एक सदस्य शुक्रवार को एक संदिग्ध इजराइली हमले में मारा गया है. सदस्य का नाम-कर्नल रेजा ज़रेई है. वो सीरिया में सैन्य सलाहकार के रूप में कार्यरत था. ईरान की आधिकारिक समाचार एजेंसी आईआरएनए ने इसकी जानकारी दी है. इज़राइल के निशाने पर तो आमतौर पर सीरिया की राजधानी दमिश्क रहता है लेकिन इस बार सीरिया के दूसरे सबसे बड़े बंदरगाह शहर टार्टस में हमला किया गया है.
इजराइल का टिप्पणी से इनकार
ईरानी रिवॉल्युशनरी गार्ड यानी आईआरजीसी ईरान में एक बड़ा सैन्य, राजनीतिक और आर्थिक बल है. वहीं दूसरे ईरानी मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि कर्नल रेजा ज़रेई लेबनान के ईरान समर्थित हिजबुल्लाह समूह के दो लड़ाकों के साथ मारे गया है. सीरिया सरकार का समर्थन करने वाले गठबंधन के एक वरिष्ठ सुरक्षा सूत्र ने रॉयटर्स को बताया कि सीरिया के तटीय क्षेत्र टार्टस में ईरानी बलों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक इमारत पर हमले में ज़ारेई की मौत हो गई. इज़राइल ने ज्यादातर हमले राजधानी दमिश्क के आसपास के इलाकों में किए हैं लेकिन टार्टस में हमले दुर्लभ हैं. हमले के बारे में पूछे जाने पर इज़राइली सेना ने कहा कि उसने विदेशी रिपोर्टों पर कोई टिप्पणी नहीं की.
सीरिया में इजरायल ने किए सैकड़ों हमले
रॉयटर्स ने फरवरी में ही रिपोर्ट दी थी कि ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने कई घातक इजरायली हमलों की वजह से सीरिया में अपने वरिष्ठ अधिकारियों की तैनाती कम कर दी है और वहां अपना प्रभुत्व बनाए रखने के लिए सहयोगी शिया मिलिशिया पर अधिक भरोसा कर रहे हैं. अगर हम इजरायल और सीरिया के इतिहास को पढ़ेंगे तो पाएंगे कि दोनों के बीच यह जंग कोई नई नहीं है. साल 2011 से ही जब राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार थी उस समय से ही दोनों देशों के बीच गृहयुद्ध शुरू हुआ था. इसके बाद से ही इजराइल ने सीरिया पर सैकड़ों हवाई हमले किए हैं, मुख्य रूप से सीरिया ने ईरान समर्थक बलों के खिलाफ, खासकर हिजबुल्लाह और सीरियाई सेना के ऊपर हमले किए हैं.