देहरादून। उत्तराखंड की राजनीति में हरीश रावत को हाशिये पर लाने की कोशिश करने वाली लॉबी को जोर का झटका लगा है।सारे अनुमानों को धता बताते हुए 17 अप्रैल को सल्ट विधानसभा में होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस ने आखिर गंगा पंचोली पर ही भरोसा जताया है।
दरअसल, कोरोना संक्रमित हरीश रावत दिल्ली एम्स में भर्ती हैं और वहां उनका इलाज चल रहा है। यही वजह है कि रावत विरोधी गुट को विश्वास था कि उनकी नहीं चलेगी। लेकिन हरीश रावत ने सिद्ध कर दिया कि उत्तराखंड में कांग्रेस का ‘बॉस’ कौन है। उन्होंने
उधर, प्रीतम खेमे में मायूसी का माहौल है। क्योंकि प्रीतम सिंह और रंजीत रावत से लेकर तमाम लोगों की कोशिश थी कि रंजीत रावत के बेटे विक्रम रावत को सल्ट विधानसभा से कांग्रेस का उम्मीदवार घोषित किया जाए। बताया जा रहा है कि विक्रम रावत ने बाकायदा नामांकन पत्र भी खरीद लिया था।
बहरहाल, हरीश रावत ने ये तो साबित कर ही दिया है कि उत्तराखंड में उनके बिना कुछ भी संभव नहीं है कम से कम कांग्रेस के भीतर। बता दें 2017 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस की तरफ से गंगा पंचोली ही प्रत्याशी थी जो बेहद कम वोटों से हारी थी। लिहाजा पार्टी आलाकमान ने गंगा पंचोली पर ही भरोसा जताया है।