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जानिए कौन हैं अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के करीब पहुंचे जो बाइडेन

@शब्द दूत ब्यूरो

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चल रही मतगणना के बीच डेमोक्रेटिक प्रत्याशी जो बाइडन व्हाइट हाउस पहुंचने के लिए आवश्यक 270 निर्वाचक मंडल मत के करीब पहुंच गए हैं । उन्होंने विस्कॉन्सिन और मिशिगन में जीत दर्ज कर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की राह को मुश्किल बना दिया है।

डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडन का राजनीतिक करियर काफी लंबा रहा है। अगर वह इस बार राष्ट्रपति चुनाव जीते तो शपथ लेते वक्त 78 साल की उम्र में अमेरिका के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति होंगे।

पूर्व डेलावेयर सीनेटर जो बाइडन को 2008 में राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में 47वां अमेरिकी उपराष्ट्रपति चुना गया था और 2012 में फिर से निर्वाचित किया गया। इसके बाद वह 2020 में डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में बढ़त बनाए हुए हैं।

जो बाइडन यानी जोसेफ रॉबिनेट बाइडन जूनियर का जन्म साल 1942 में पेनसिल्वेनिया राज्य के स्क्रैंटन में हुआ था। वह अपने बचपन में ही डेलावेयर चले गए थे। जो बाइडन ने राजनीति में आने से पहले कुछ दिनों तक एक वकील के रूप में काम किया। वह इतिहास में पांचवे सबसे कम उम्र के अमेरिकी सीनेटर और डेलावेयर के सीनेटर के रूप में सबसे लंबे समय तक सेवारत रह चुके हैं।

डेलावेयर से छह बार सीनेटर रह चुके बाइडन राष्ट्रपति चुनाव की रेस में तीसरी बार उतरे हैं। उन्होंने पहली कोशिश 1988 के चुनाव में की थी, हालांकि तब उन्हें साहित्यिक चोरी के आरोप में पीछे हटना पड़ा था। फिर उन्होंने अपनी दूसरी कोशिश 2008 के चुनाव के लिए की। बाइडन को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का करीबी माना जाना है। वह ओबामा के कार्यकाल में 2008 से 2016 तक दो बार उपराष्ट्रपति भी रह चुके हैं। 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में बाइडन की जीत के लिए ओबामा भी काफी जोर लगाते दिखे हैं।

2017 में ओबामा ने अपने प्रशासन के करीबी जो बाइडन को राष्ट्रपति पद के लिए प्रस्तुत किया। दो साल बाद बाइडन ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए अपना अभियान शुरू किया और 2020 के डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं।

1972 में बाइडन सीनेट के लिए चुने गए सबसे कम उम्र के लोगों में से एक थे। कुछ ही हफ्तों बाद, बाइडन के परिवार में एक त्रासदी हुई, जब एक कार एक्सीडेंट में उनकी पत्नी नीलिया और बेटी नाओमी की मौत हो गई, जबकि उनके बेटे हंटर और ब्यू गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
बाइडन अपने बेटों को देखने के लिए विलमिंगटन और वॉशिंगटन डीसी के बीच रोजाना एमट्रैक ट्रेन से सफर करते थे। जिसके बाद वह ‘एमट्रैक जो’ नाम से लोकप्रिय हो गए थे। पांच साल तक, बाइडन ने अपनी बहन वैलेरी और उनके परिवार की मदद से ब्यू और हंटर को सिंगल फादर के तौर पर पाला था।

साल 2015 में 46 साल की उम्र में बाइडन के बड़े बेटे ब्यू की ब्रेन कैंसर से मौत हो गई। बाइडन के छोटे बेटे हंटर की बात करें तो एक वकील और लॉबिस्ट के रूप में उनका करियर भ्रष्टाचार के आरोपों का निशाना रहा है। पत्नी नीलिया की मौत के पांच साल बाद बाइडेन ने जिल से शादी की। उनकी एश्ली नाम की एक बेटी है, जिसका जन्म 1981 में हुआ था।

बाइडन की तीन बड़ी प्राथिमकताएं हैं जिनमें हेल्थ केयर से जुड़े ढांचे का विस्तार करना, शिक्षा में ज्यादा निवेश करना और सहयोगी देशों के साथ संबंधों को नई दिशा देना शामिल है। भारत के 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारतीय-अमेरिकी समुदाय को संबोधित करते हुए बाइडन ने कहा था कि अगर वह राष्ट्रपति चुनाव जीतते हैं तो भारत के सामने मौजूद खतरों से निपटने में उसके साथ खड़े रहेंगे।

बाइडन ने कहा था कि ‘मैं 15 साल पहले भारत के साथ ऐतिहासिक असैन्य परमाणु समझौते को मंजूरी देने की कोशिशों की अगुवाई कर रहा था। मैंने कहा कि अगर भारत और अमेरिका करीबी दोस्त और सहयोगी बनते हैं, तो दुनिया ज्यादा सुरक्षित हो जाएगी।’ उन्होंने यह भी कहा था कि वह दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने और जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने पर काम करेंगे।

बाइडन पर ब्रिटिश लेबर पार्टी के नील किन्नॉक के भाषण की साहित्यिक चोरी का आरोप लगा था। इसके अलावा बाइडन ने स्वीकार किया था कि उन्होंने लॉ स्कूल में अपने पहले साल के दौरान कानून की समीक्षा का लेख चोरी किया था। जो बाइडन के सीनेट ऑफिस में काम करने वाली एक महिला ने वॉशिंगटन डीसी की पुलिस के पास एक आपराधिक शिकायत दर्ज कराई थी। महिला ने इस शिकायत में आरोप लगाए थे कि बाइडन ने 1993 में उनका यौन उत्पीड़न किया था।

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