Breaking News

राज्यों में कमजोर होती भाजपा, नया साल चुनौतियों से भरा

@सुरेश शर्मा (लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं) 

झारखंड में भी भाजपा के हाथ से सत्ता निकल गई, यहां जेएमएम कांग्रेस आर जे डी गठबंधन ने 47 सीट जीतकर सत्ता हासिल की है। झारखंड के 19साल के इतिहास में सोरेन परिवार पांचवी बार सत्ता में आया है। शिबू सोरेन तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। जबकि उनके 44 वर्षीय पुत्र हेमंत सोरेन ने दूसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में 29 दिसंबर को विधिवत सत्ता संभाल ली है। यह सातवाँ राज्य है, जहाँ भाजपा नीत गठबंधन एन डी ए ने पिछले दो साल में सत्ता गंवा दी है। दिसंबर 2017 में एन डी ए बेहतर स्थिति में था। भाजपा और उसके सहयोगी दल शीर्ष पर थे। मध्य प्रदेश राजस्थान छत्तीसगढ़ जैसे मध्य क्षेत्र के राज्यों में उसकी सरकारें थी।

बिहार में नीतीश कुमार राजद के महागठबंधन छोड़कर एन डी ए में आ चुके थे और उत्तर प्रदेश में भाजपा की रिकॉर्ड सीटों के साथ सरकार बनी थी। 72 प्रतिशत आबादी और 75 प्रतिशत भू-भाग वाले 19 राज्यों में एन डी ए सरकारें थी। झारखंड में सत्ता गंवाने के बाद अब एन डी ए के पास 16 राज्यों में ही सरकारें बची हुई हैं। इन राज्यों में 42 प्रतिशत आबादी रहती है।

नये वर्ष 2020 में दिल्ली बिहार तथा पश्चिम बंगाल में चुनाव होना है बदलते माहौल में इन तीनों राज्यों में भाजपा के लिए कड़ी चुनौती है। दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल फरवरी 2020 में पूरा हो रहा है। जनवरी 2020 के आखिरी सप्ताह तक चुनाव होने की संभावना है।

गौरतलब है कि दिसंबर 2017 में 19 राज्यों में सत्तारूढ़ भाजपा ने एक के एक तीन हिंदी भाषी राज्यों में सत्ता खो दी। चौथा राज्य आंध्र प्रदेश जहाँ भाजपा से तेलगू देशम पार्टी ने भाजपा से गठबंधन तोड़ा तो वहां विधानसभा चुनाव में वाई एस आर कांग्रेस ने सत्ता पाई। पांचवा राज्य महाराष्ट्र जहाँ भाजपा के परंपरागत सहयोगी शिवसेना ने नाता तोड़ कर तगड़ा झटका देते हुए भाजपा को सत्ता से बाहर कर दिया। छठे राज्य की बात करें तो जम्मू-कश्मीर में पीडीपी भाजपा सरकार गिरी ।यहाँ पहले राज्यपाल और बाद में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। हालांकि बाद में इसे दो केन्द्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया। जम्मू-कश्मीर में अभी विधानसभा चुनाव होना बाकी है।

सातवें राज्य झारखंड में जहाँ लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 14 में से 11सीट जीतकर प्रचंड जीत हासिल की थी वहाँ सत्ता गंवाना भाजपा के लिए सबसे बड़ी बिडम्बना है।
भाजपा ने सात राज्य गंवाये हैं लेकिन कर्नाटक मिजोरम त्रिपुरा और मेघालय में सरकार बनाई। इनमें बड़ा राज्य कर्नाटक है। बाकी राज्य छोटे हैं।

कांग्रेस खुद के बूते पर या गठबंधन के जरिए महाराष्ट्र राजस्थान मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ पंजाब व पुंडूचेरी में सत्ता में है। झारखंड को जोड़ दें तो कांग्रेस सात राज्यों की सत्ता में इस समय काबिज है।

दिल्ली में आम आदमी पार्टी पश्चिम बंगाल में टीएमसी केरल में भाकपा के नेतृत्व वाला गठबंधन आंध्रप्रदेश में। वाईएसआर कांग्रेस ओडिशा में बीजद और तेलंगाना में टी आर एस सत्ता में है। दिल्ली बिहार तथा पश्चिम बंगाल के होने वाले चुनाव अब भाजपा के लिए चुनौती बन गये हैं। अब तक लगातार जीत का स्वाद चखने वाली भाजपा के लिए ये चुनाव महत्वपूर्ण हो गये हैं। अपने विजय रथ को मिल रहे पराजय के झटकों से ये चुनाव भाजपा को बचाने के लिए जीतने होंगे। लेकिन क्या ऐसा होगा। दिल्ली में केजरीवाल से मिल रही कड़ी चुनौती भाजपा के लिए खतरे का सबब है तो पश्चिम बंगाल में दीदी ममता से भी पार पाना है।

उधर बिहार में सुशासन बाबू नीतिश के सुर बदल रहे हैं। सीएए पर नीतीश का रूख क्या आने वाले चुनाव में भाजपा के लिए कहीं खतरा तो नहीं?

Website Design By Mytesta +91 8809666000

Check Also

बिग ब्रेकिंग: सीएम धामी की सुरक्षा में तैनात कमांडो ने खुद को गोली मारी

🔊 Listen to this @शब्द दूत ब्यूरो (01 जून 2023) देहरादून। सीएम धामी की सुरक्षा …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *