Breaking News

उत्तराखंड का बहुचर्चित सुभारती मेडिकल कॉलेज घोटाला :पीएमओ से आये जांच के आदेश, आईएएस की भूमिका संदिग्ध

@मनीष वर्मा (वायस आफ नेशन के संपादक) 

देहरादून । आईएएस अधिकारी पंकज कुमार पांडेय द्वारा एमसीआई के नियम कानूनों को ताक पर रख कर बिना निदेशालय की कमिटी की आख्या लिए और हाई पावर कमिटी के अनुमोदन लिएं बिना सुभारती MTVT ट्रस्ट ( पुराना कथित नाम जगत नारायण सुभारती ट्रस्ट ) को Eesentiality Certificate जारी करना बहुत टेढ़ी खीर साबित साबित होने जा रहा है ।

आपको बता दे कि मीडिया में  प्रमुखता से पूरे घोटाले का मामला सुर्खियों में आने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय से संज्ञान लेते हुए जांच उत्तराखंड भेज दी गई है। साथ ही 300 करोड़ के एन एच घोटाले के बाद  आईएएस पंकज पांडे को दोबारा चार्ज दिये जाने के मामले की रिपोर्ट भी तलब की गई है। 

आपको बता दे की सुभारती के संचालक अतुल भटनागर समय समय पर नाम बदल कर फर्जी मेडिकल कॉलेज खोल कर 300 छात्र छात्राओं के जीवन के 2 वर्ष खराब कर चुके है पहले उत्तराखंड के सम्मानित वीर श्री देव सुमन का नाम खराब किया और अब गौतम बुद्ध का नाम खराब करने को अग्रसर है । पिछले 6 साल में नाम बदल बदल कर प्रयास करते रहते है कभी संस्था का तो कभी कॉलेज का पर लोग वही है ।

अतुल भटनागर पर संगीन धाराओं में  एफआईआर भी दर्ज़ है और जिसमें से एक में  सीबीआई  चार्ज शीट दाखिल कर चुकी है। जबकि एक मामले  वह अरेस्ट स्टे पर चल रहे है। इसके अलावा  अन्य कई लगभग 35 केस उन पर चल रहे है। सुभारती को उत्तर प्रदेश सरकार ब्लैक लिस्ट कर चुकी है। सभी  तथ्यो की रिपोर्ट अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा ,उत्तराखंड की जांच रिपोर्ट में है।  माननीय सुप्रीम कोर्ट को उत्तराखंड के 3 IAS अधिकारियों ,श्रीमती राधा रतूड़ी,  नितेश झा ,अमित नेगी द्वारा शपथ पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है कि सुभारती के भवन भूमि विवादित है तथा ये इस संपति के स्वामी नही है ।

उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही शासन और सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति अनुसार , ये भ्रष्टाचार चुनावी मुद्दा न बने इस जारी किए गए सर्टिफिकेट को निरस्त कर सकती है। 

 

Check Also

सोचो ! आखिर आरएसएस को क्या हुआ ? वरिष्ठ पत्रकार राकेश अचल की बेबाक कलम से

🔊 Listen to this आप मंगलसूत्र और विरासत कर की अफवाहों में उलझ गए ,और …

googlesyndication.com/ I).push({ google_ad_client: "pub-