@शब्द दूत ब्यूरो
रायपुर। लाकडाउन के नाम पर जिलाधिकारी के अमानवीय व्यवहार का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हालांकि जिलाधिकारी ने देर रात अपनी इस हरकत पर माफी भी मांगी है।
लॉकडाउन के दौरान सड़क पर बेवजह घूमने वालों की चैकिंग करने निकले सूरजपुर के जिलाधिकारी रणवीर शर्मा ने अपनी प्रशासनिक ताक़त का बेजा इस्तेमाल कर बच्चे के हाथ से मोबाइल छीन कर पटक दिया और फिर थप्पड़ भी जड़ दिया। जिलाधिकारी इतने पर ही नहीं रूके उन्होंने वहां मौजूद पुलिसकर्मियों को इस युवक को पीटने का भी हुक्म दे दिया जिसके बाद युवक को पुलिस के डंडे भी खाने पड़े। इसी बीच किसी ने डंडा मारने वाले डीएम रणवीर शर्मा का वीडियो रिकॉर्ड कर लिया जो जल्द ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
जिस युवक के साथ कलेक्टर रणवीर शर्मा ने यह अमानवीय हरकत की, उसने जिलाधिकारी रणवीर शर्मा को अपनी दवाई की पर्ची दिखाते हुए बताया कि वो दवा लाने मेडिकल स्टोर जा रहा था। पुराना बाजार पारा के रहने वाले साहिल गुप्ता अपने पिता और माता के लिए दवाई लेने मेडिकल स्टोर के लिए निकला था। इसी दौरान भैयाथान चौक के पास स्थानीय जिलाधिकारी रणवीर शर्मा ने उसे रुकवा लिया। युवक ने बताया कि वह दवाई लेने जा रहा है। इसकी पुष्टि करने के लिए उसने दवाई की पर्ची भी दिखाई लेकिन जिलाधिकारी ने उसे चांटा मारा और अपने सुरक्षाकर्मियों से कहकर डंडे भी बरसवाए। इस घटना के बाद से ही युवक के पिता की नाराजगी और बेबसी सामने लोगों के सामने आई। उन्होंने बताया है कि उन्हें और उनकी पत्नी को कोविड वैक्सीन का टीका लगा है जिसकी वजह से उन्होंने खुद बाहर ना जाकर अपने बेटे को दवाई लाने के लिए बाजार भेजा था। इस दौरान जिलाधिकारी रणवीर शर्मा ने उनके बेटे के साथ ऐसा सुलूक किया है।
देर रात डीएम रणवीर शर्मा ने अपनी इस हरकत के लिए माफी मांग ली है। उन्होंने कहा कि उनका इरादा किसी को अपमानित करने का नही था। वह युवक लॉकडाउन में बाहर निकला था। उसके पास कोई दस्तावेज नहीं था। पहले वह टीकाकरण के लिए जाने की बात कह रहा था बाद में अपनी दादी के पास जाने को कहने लगा। मुझे गुस्सा आ गया जिससे और उसे थप्पड़ मार दिया।
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