@शब्द दूत ब्यूरो
देहरादून । भाजपा के वरिष्ठ नेता और कालाढूंगी के मौजूदा विधायक बंशीधर भगत के बारे में एक कहावत प्रचलित है कि उनकी किस्मत में राजयोग लिखा गया है। लगातार जीत हासिल करते रहे बंशीधर भगत विधायक होने के बावजूद सादगीपूर्ण जीवन जीते हैं। एक बार फिर बंशीधर भगत प्रदेश की भाजपा राजनीति में चर्चाओं के केन्द्र में हैं। कल 16 जनवरी को होने वाले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में भगत फिलहाल सबसे आगे हैं।
बता दें कि कल16 जनवरी को उत्तराखंड भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होना है। जिसके लिए आज को अधिसूचना जारी जा चुकी है। भाजपा आलाकमान से केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल 15 जनवरी को देहरादून पहुंच चुके हैं। पहले सहमति बनाने का प्रयास किया जा रहा है। अगर किसी एक नेता पर सहमति नहीं बनती है तो 16 तारीख को चुनाव कराया जाएगा जिसके लिए आज प्रत्याशी नामांकन भर रहे हैं।
इतना तो तय है कि भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर अब नए चेहरों को तरजीह दी जाएगी। जबकि पार्टी के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष और नैनीताल सांसद अजय भट्ट ने अपने संसदीय क्षेत्र में कार्य करने की इच्छा जताई है साथ ही उन्होंने नए अध्यक्ष को पूरा सहयोग करने की बात भी मीडिया में जाहिर की है।
वैसे भाजपा संगठन में एक पक्ष अजय भट्ट को दोबारा कमान देने के पक्ष में भी है। लेकिन अजय भट्ट के इस तरह के बयानों से ऐसा लगता है कि हाईकमान किसी नए चेहरे को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहता है। सूत्रों के अनुसार सीएम त्रिवेंद्र रावत भी अजय भट्ट को दोबारा अध्यक्ष बनाए जाने के पक्ष में नहीं हैं।
जातिय संतुलन के फार्मूले पर प्रदेश अध्यक्ष के लिए कुमाऊ के ही किसी ब्राह्मण चेहरे को पार्टी तलाश रही है। क्योंकि जातीय संतुलन के हिसाब से मुख्यमंत्री राजपूत हैं और गढ़वाल क्षेत्र से संबंध रखते हैं। अगर जातिय संतुलन की बात करें तो ब्राह्मण चेहरे के रूप में कालाढूंगी विधानसभा से विधायक बंशीधर भगत आगे नजर आ रहे हैं। बंशीधर भगत के वरिष्ठ विधायक हैं और पूर्व में दो बार मंत्री रह चुके हैं। कहा तो भी ये जा रहा है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत भी बंशीधर भगत को ही प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर हाईकमान के सामने प्रमोट कर रहे हैं।
उधर केंद्र में मंत्री अजय टम्टा का नाम भी प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर चर्चा में है। अजय टम्टा के प्रदेश अध्यक्ष बनने से राज्य के दलित समुदाय को साधा जा सकता है। पर वह केंद्रीय मंत्री हैं और उन्हें मंत्री बनाकर पहले ही दलित समुदाय को प्रतिनिधित्व मिल चुका है। कुछ अन्य भाजपा नेता भी इस दौड़ में शामिल हैं।
बंशीधर भगत को लेकर पार्टी के नेताओं ने बयान भी देने शुरू कर दिये हैं कि वह वरिष्ठ हैं और इस पद पर किसी युवा को आना चाहिए। पूरे प्रदेश का भ्रमण करने में उनकी आयु आड़े आयेगी। इस बयान पर बंशीधर भगत ने कहा कि वह अभी 45-50 वर्ष के आयु के लोगों से ज्यादा सक्रिय हैं।
बहरहाल कौन बनेगा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष? यह तो कल 16 जनवरी को दोपहर तक साफ हो जाएगा।