
महिलाओं की तरह बच्चों के खिलाफ मामलों में भी देश भर में बढ़ोत्तरी हुई है और इस मामले में भी उत्तर प्रदेश सबसे ऊपर है। दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश, तीसरे पर महाराष्ट्र, चौथे पर दिल्ली और पांचवें नंबर पर छत्तीसगढ़ है।
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक 2017 में हत्या के कुल 28,653 मामले दर्ज किए गए। उत्तर प्रदेश में 2016 की तुलना में हत्या के मामलों में कमी आई है, जबकि बिहार में यह आंकड़ा बढ़ा है। कमी के बावजूद देश भर में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर रहा है जबकि केंद्र शासित प्रदेशों में इस मामले में दिल्ली अव्वल है।
भ्रष्टाचार के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में दर्ज हुए हैं जबकि ओडिशा दूसरे नंबर पर है। आंकड़ों के मुताबिक 2017 में भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम व संबंधित धाराओं में कुल 4,062 मामले दर्ज हुए जिनमें महाराष्ट्र सबसे ऊपर रहा। कर्नाटक में मामले तो कम दर्ज हुए लेकिन बढ़ोत्तरी सबसे ज्यादा दर्ज की गई। 2016 में 25 मामलों की तुलना में 2017 में यहां भ्रष्टाचार के 289 मामले दर्ज हुए। दिलचस्प बात यह है कि सिक्किम एकमात्र ऐसा राज्य रहा जहां इस मामले में एक भी केस दर्ज नहीं हुआ।
एनसीआरबी के मुताबिक देशभर में साइबर अपराध के आंकड़े तेजी से बढ़े हैं। 2016 में जहां कुल 12,137 मामले दर्ज हुए थे, वहीं 2017 में 21,796 केस दर्ज किए गए। साइबर अपराधों के मामलों में भी यूपी शीर्ष पर और महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर है।
एनसीआरबी की रिपोर्ट में बताया गया है कि 2016 के मुकाबले 2017 में सरकार के खिलाफ हुए अपराधों की संख्या में 30 फीसद की बढ़ोत्तरी हुई है जिसमें देशद्रोह और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसे मामले शामिल हैं।
एनसीआरबी ने अपने पूर्व अध्यक्ष ईश कुमार के नेतृत्व में आंकड़ों को एकत्रित करने की प्रक्रिया में बदलाव किया था, जिसमें उन्होंने कुछ नई श्रेणियां जोड़ी थीं। इस प्रक्रिया में भीड़ हत्या यानी लिंचिंग और धार्मिक कारणों से की गई हत्या को अलग सूची में रखा गया था लेकिन जब रिपोर्ट जारी की गई तो उसमें इन श्रेणियों के अपराध नदारद मिले।
एनसीआरबी के एक अधिकारी के मुताबिक इन नई श्रेणियों में अपराध की संख्या और उससे जुड़े आंकड़ों को जुटाने का काम 2015 से ही शुरू हो गया था लेकिन अब रिपोर्ट में उनका शामिल न होना आश्चर्यजनक है।