@शब्द दूत ब्यूरो (10 जनवरी 2025)
काशीपुर । मेयर चुनाव में अब जनता भी खुलकर मैदान में आ रही है। अभी तक मुकाबला आमने-सामने का लग रहा था लेकिन एकाएक बसपा के हसीन खान के चुनाव प्रचार के जोर पकड़ने से अब मुकाबला त्रिकोणीय रूप लेता जा रहा है।
दीपक बाली, संदीप सहगल के बीच सिमट रहे काशीपुर मेयर के मुकाबले में बसपा के हसीन खान ने अपनी बढ़त बनाई है। हालांकि यह बढ़त नतीजे पर कितना प्रभाव डाल पाती है इस पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। माना जा रहा है कि 15 जनवरी के बाद धीरे-धीरे स्थिति स्पष्ट होने लगेगी। बसपा के हसीन खान का चुनावी प्रचार जैसे जैसे जोर पकड़ रहा है उससे भाजपा कांग्रेस समर्थकों की नींद उड़ गयी है। 2008 के चुनावी परिणाम की अगर पुनरावृत्ति हो जाये तो इसमें कोई संदेह नहीं होगा।
शुरू में बसपा को दौड़ में शामिल तो माना गया लेकिन प्रचार में पिछड़ रही बसपा को लोग कम आंक रहे थे। अब चुनावी समीकरण दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है। कांग्रेस के प्रदेश स्तर के नेताओं ने पहुंचकर कांग्रेस प्रत्याशी संदीप सहगल की चुनावी लड़ाई को तेज कर दिया है। यही नहीं धर्म और मुद्दों को लेकर जिस तरह से कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने भाजपा पर हमला बोला है उससे साबित हो गया है कि कांग्रेस चुनाव को हल्के में नहीं ले रही है। वहीं कांग्रेस में नाराज नेताओं की संभावना न के बराबर होने से वह फायदे में दिखाई दे रही है। जबकि भाजपा में कुछ नेता नाराज जरूर हैं। लेकिन भाजपा के पास कुछ चेहरे और हिंदुत्व का मुद्दा है जिससे नेताओं की नाराजगी के कोई मायने नहीं रह जाते। लगभग हर चुनाव में भाजपा के नेताओं की नाराजगी के चर्चे जीत को लेकर आशंका पैदा करती है लेकिन परिणाम भाजपा के पक्ष में होता है।