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अंतराष्ट्रीय जगत से :बांग्लादेश में क्यों हुये हालात बेकाबू, आरक्षण विरोध आंदोलन के चलते आखिर हुआ तख्तापलट, सैकड़ों की मौत, देखिए वीडियो

@शब्द दूत ब्यूरो (05 अगस्त 2024)

ढाका। पडोसी देश बांग्लादेश में चल रहे आरक्षण विरोधी आंदोलन के चलते वहाँ हालात इस तरह बेकाबू हो गये कि प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देकर देश छोड़कर भागना पड़ा।

आपको बता दें कि एक दिन पहले यानी रविवार को बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में झड़प में  सैकड़ों  लोगों की मौत हो गयी थी। बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए थे। देशभार में कर्फ्यू लगा दिया गया था और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं

रविवार को हुई झड़पों से कुछ दिन पहले ही बांग्लादेश में पुलिस और मुख्य रूप से छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें देखने को मिली थीं। जिसमें 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी.प्रदर्शनकारी विवादास्पद आरक्षण प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं जिसके तहत 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वाले लड़ाकों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान है। बांग्लादेश में आरक्षण प्रणाली के तहत कुल 56 फीसदी सरकारी नौकरियां आरक्षित हैं। अब इन नौकरियां में से 30 फीसदी आरक्षण स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार वालों के लिए, 10 फीसदी आरक्षण पिछड़े प्रशासनिक जिलों के लिए, 10 प्रतिशत महिलाओं के लिए, पांच प्रतिशत आरक्षण जातीय अल्पसंख्यक समूहों के लिए और एक प्रतिशत दिव्यांग लोगों के लिए आरक्षित है।

प्रदर्शनकारी छात्रों का आरोप है कि सरकार उन लोगों को आरक्षण देने के पक्ष में है, जो शेख हसीना सरकार का समर्थन करते हैं और मेरिट के आधार पर सरकारी नौकरियां नहीं दी जा रही हैं। इसलिए प्रदर्शनकारी इस आरक्षण प्रणाली को खत्म करने और हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। जिस वजह से देश में लगातार हिंसक प्रदर्शन देखने को मिले।

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