@शब्द दूत ब्यूरो (17 मई 2024)
काशीपुर । द्रोणासागर तीर्थ भले ही उपेक्षा का शिकार हो लेकिन राजनेताओं को महिमामंडित इस तीर्थ स्थल पर जरूर किया गया है। जिस तीर्थ स्थल पर गुरू द्रोणाचार्य और उनके शिष्यों से संबंधित कहानियां दर्शायी जानी चाहिए थी वहाँ राजनेताओं के चित्र प्रदर्शित कर दिये गये हैं। और किसी एक राजनेता का चित्र नहीं वरन प्रधानमंत्री से लेकर सासंदों और मुख्यमंत्रियों के चित्र यहाँ दर्शाये गये हैं।
अब सवाल यह है इतने राजनेताओं के होते हुए द्रोणासागर के सरोवर में पानी नहीं है। ये कैसी बिडम्बना है कि सूखे सरोवर के सामने इन राजनेताओं के चित्रों को देखकर यहाँ घूमने आने वाले लोगों को कैसा महसूस होता होगा? इन राजनेताओं के चित्रों के ठीक सामने गुरु द्रोणाचार्य और धनुर्धारी अर्जुन का बाण साधते हुए कट आउट क्या संदेश दे रहा है? आखिर एक सार्वजनिक धार्मिक और पौराणिक तीर्थ स्थल पर उसके ऐतिहासिक महत्व को दर्शाने की जगह उन लोगों के चित्र देखने को मिल रहे हैं जिन पर द्रोणासागर को खूबसूरत झील बनाने की जिम्मेदारी थी और है। ये बड़ सवाल है।