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ससुराल में बेटी हमेशा रहेगी खुशहाल, अगर विदाई के समय अपनाएंगे ये आसान उपाय

@शब्द दूत ब्यूरो (19 अप्रैल 2024)

हर माता पिता को बेटी की शादी के बाद यही चिंता सताती है कि शादी के बाद क्या उनकी बेटी ससुराल में खुश रहेगी, अपनी जगह बना पाएगी, सबका दिल जीत पाएगी या नहीं, जो सुख और संपन्नता उसे मायके में मिली है शादी के बाद क्या बेटी का वैवाहिक जीवन खुशहात रहेगा या नहीं? इन सब बातों को लेकर माता-पिता चिंतित रहते हैं. अगर आप चाहते हैं कि आपकी बेटी का वैवाहिक जीवन खुशी से बीते, तो उसके लिए यहां कुछ उपाय बताए गए हैं जिन्हें आप बेटी की विदाई के समय अपना सकते हैं. अगर आप इन उपायों को अपना लेंगे तो आपकी बेटी भी हमेशा ससुराल में राज करेगी.

विदाई के समय करें ये उपाय

बेटी को विदा करते समय उसके पल्लू में सात हल्दी की गांठ बांध दें. फिर बेटी से कहें कि ससुराल पहुंचने के बाद बेटी उस हल्दी को पीले कपड़े में बांधकर अपनी अलमारी में रख दें. ऐसा करने से ससुराल में बेटी को खूब प्यार मिलने लगता है.

विदाई से पहले मां अपनी सिंदूर की डिब्बी में से अपनी बेटी की छोटी सी मांग भर दे. ऐसा करने से बेटी को उसके पति की तरफ से कोई परेशानी नहीं होगी और उसका पति हमेशा उसकी हर बात मानेगा.

खुशहाल बीतेगा वैवाहिक जीवन

शादी में विदाई के समय बेटी को एक नारियल भेंट करें. इस नारियल बेटी अपने ससुराल के पूजा घर में सात दिन के लिए रखें. सात दिन बाद इस नारियल को बेटी के हाथों से बहते पानी में प्रवाहित करवा दें.

विदाई के समय बेटी को तांबे की चार कीलें दे. इन कीलों को बेटी अपने कमरे में बेड के चारों पायों में लगा दे. इस उपाय को करने से बेटी का वैवाहिक जीवन खुशहाल बीतेगा और ससुराल में हर कोई उसकी बात मानने लगेगा.

ससुराल में नहीं होगी कोई परेशानी

बेट को विदा करने से पहले एक लोटे में जल भरकर उसमें हल्दी और एक तांबे का सिक्का डाल दें. इस जल से भरे लोटे को बेटी के सिर के ऊपर से 7 बार घुमाएं और फिर इस लोटे को बेटी के हाथ में रख दें. जब बेटी विदा हो जाए तो इस लोटे के जल को पीपल के पेड़ पर चढ़ा दें. ऐसा करने से बेटी को ससुराल में किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा.

बेटी की शादी से एक दिन पहले उसके हाथों से तीन मेंहदी के पैकेट का दान करवाएं. मेहंदी के पैकेट में से एक पैकेट काली मां के मंदिर में चढ़ा दें. मेहंदी का दूसरा पैकेट किसी सुहागिन को दान कर दें और तीसरे पैकेट में से किसी सुहागिन महिला को मेहंदी लगा दें और फिर उस पैकेट से ही बेटी के हाथ में भी मेहंदी लगवा दें. ऐसा करने से बेटी को शादी के बाद किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होगी.

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