रतन टाटा से बेहतर भारत को शायद ही कोई समझता होगा. तभी तो किस राज्य में कहां और कैसे निवेश करना है, उन्हें बखूबी पता है. भारत के पूर्वोत्तर इलाके का ये राज्य कभी कैंसर के इलाज के लिए तड़पता था, फिर टाटा ग्रुप ने यहां इंवेस्ट किया. इसी के साथ टाटा ग्रुप का इस स्टेट से एक खास कनेक्शन बन गया, जिसके चलते रतन टाटा की कंपनी यहां एक सेमीकंडक्टर चिप प्लांट लगाने जा रही है.
भारत सरकार ने हाल में सेमीकंडक्टर फैक्ट्री के 3 प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है. इनमें टाटा ग्रुप के 2 प्रोजेक्ट्स शामिल हैं. टाटा ग्रुप एक प्रोजेक्ट गुजरात के साणंद में डेवलप कर रहा है, जहां उसकी ही कंपनी टाटा मोटर्स की फैक्ट्री पहले से मौजूद है. जबकि दूसरा प्रोजेक्ट असम में लग रहा है, जिसके साथ रतन टाटा का खास रिश्ता है. गुरुवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने रतन टाटा से मुलाकात भी की.
रतन टाटा ने कही दिल की बात
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा से मुलाकात के बाद उद्योगपति रतन टाटा ने ‘एक्स’ पर लिखा, ”असम में जो निवेश किया था, उसने राज्य को कैंसर के जटिल इलाज में पारंगत बना दिया. अब असम राज्य सरकार टाटा ग्रुप के साथ मिलकर सेमीकंडक्टर्स की दुनिया की बड़ी खिलाड़ी बनने जा रही है. इससे असम को एक वैश्वित पहचान मिलेगी. हम असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा का उनके सहयोग के लिए तहे दिल से शुक्रिया करते हैं. उनके विजन की बदौलत ही ये सब पूरा हो पाया है.”
बताते चलें कि टाटा ग्रुप कैंसर के सस्ते इलाज के लिए काम करता है. टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल ने देश में अब तक लाखों लोगों का कैंसर ठीक किया है, इसी की एक ब्रांच असम के गुवाहाटी में हैं. अब टाटा ग्रुप अपनी एक सेमीकंडक्टर फैक्ट्री भी असम में लगा रहा है.
टाटा का सेमीकंडक्टर फैक्टरी प्लान
केंद्र सरकार ने हाल में सेमीकंडक्टर के 3 प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है. इसमें टाटा का एक प्रोजेक्ट असम के मोरीगांव में है. ये प्रोजेक्ट टाटा सेमीकंडक्टर एसेंबली एंड टेस्ट प्राइवेट लिमिटेड लगा रही है. जबकि दूसरा प्लांट टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट ताइवान की पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग कॉर्प के साथ मिलकर गुजरात में लग रहा है.
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड गुजरात के धोलेरा प्लांट पर करीब 91,000 करोड़ रुपए और टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट प्राइवेट लिमिटेड असम में 27,000 करोड़ रुपए निवेश करने की उम्मीद है.