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नैनीताल: एडीबी के कार्यों से नाराज डीएम ने जांच समिति गठित करने को लिखा पत्र लिखा शासन को

नैनीताल। जनपद में एडीबी को अब विकास कार्य नहीं दिये जायेंगे।  जिलाधिकारी सविन बंसल ने एडीबी के कार्यों के विरूद्ध मिल रही रिपोर्टों को लेकर यह निर्णय लिया है। बता दें कि  कार्य भार ग्रहण करते समय जिलाधिकारी ने जब जनपद में एडीबी द्वारा कराये गये विकास कार्यों की समीक्षा की तो उन्होंने पाया कि सभी कार्य संतोषजनक नहीं हैं। 

जिलाधिकारी उत्तराखण्ड अर्बन सैक्टर डेवलपमेंट इन्वेस्टमेंट प्रोग्राम (एडीबी) द्वारा नैनीताल में किये जा रहे पेयजल सम्बन्धित कार्यों से जिलाधिकारी सविन बसंल खासे नाराज हैं। यहाॅ तक कि जल संस्थान के वरिष्ठ अधिकारियों ने एडीबी के कार्यों पर सवालिया निशान लगाए। अब एडीबी द्वारा कराए गए निर्माण कार्यों की जांच उच्च स्तरीय समिति से करायी जाने को लेकर शासन से अनुरोध किया है।  

 जिलाधिकारी ने कार्यक्रम निदेशक यूयूएसडीए उत्तराखण्ड शासन चन्द्रेश कुमार तथा सचिव पेयजल उत्तराखण्ड शासन अरविन्द सिंह ह्याॅकी को एक पत्र भेजकर एडीबी द्वारा  नैनीताल शहर में एडीबी द्वारा पेयजल आपूर्ति के लिए गए कार्यों की जाॅच कराने के लिए शासन स्तर से उच्च स्तरीय समिति के गठन का अनुरोध किया है।  पत्र में यह भी कहा है कि संस्था के कार्यों की जाॅच होने तक एडीबी को जनपद में किसी भी प्रकार के विकास व अन्य कार्य आंवटित न किये जायें। अपने पत्र में  बंसल ने यूयूएसडीआईपी ईकाई नैनीताल के परियोजना प्रबन्धक, सहायक अभिंयता एवं भूमिका संदिग्ध है, इन अधिकारियों के कारण उपभोक्ताओं तक सुचारू पेयजल आपूर्ति न होने के कारण निरन्तर जनाक्रोश व्याप्त है। ऐसे में उच्च स्तरीय जाॅच कराया जाना आवश्यक है।

मामले जिनमें अनियमितता मिली 

गौरतलब है कि जिलाधिकारी  ने विगत माह उत्तराखण्ड अर्बन सेक्टर डेवलपमेंट इंवेस्टमेंट प्रोग्राम की गहन समीक्षा की। उन्होंने  एडीबी द्वारा शहर में बिछाई गयी मैन राईजिंग पाईप लाईन,टंकी निर्माण, पम्प हाउस तथा जल मीटर आदि लगाने हेतु किए गए अनुबन्धों का गहनता से परीक्षण करते हुए शतप्रतिशत पेयजल मीटर न लगाये जाने पर मैसर्स चैतास लिमिटेड कम्पनी पर मीटर प्रोेजेक्ट की लागत 7.9 करोड़ रूपये पर प्रति सप्ताह की दर से 0.05 प्रतिशत पेनाल्टी माह अप्रैल 2018 से अब तक लगाने के साथ ही के भुगतान पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगाने के निर्देश दिये थे। एडीबी के अधिकारियों ने शतप्रतिशत कार्य करने का प्रमाण पत्र भी शासन को प्रेषित किया था,जिसके आधार पर कार्यदायी संस्था को सम्पूर्ण भुगतान भी एडीबी द्वारा कर दिया गया। जबकि बैठक में मौजूद रहे जीएम जल संस्थान डीके मिश्रा तथा अधीक्षण अभियंता एएस अंसारी व अधिशासी अभियंता एसके उपाध्याय ने जानकारी दी कि पैकेज नम्बर 3 तीन में पम्प सैटों का स्थापन कार्य, पैकेज नम्बर 5 में पेयजल वितरण प्रणाली संतोषजनक नहीं है साथ ही पैकेज नम्बर 6 में घरेलू व कोमर्शियल पेयजल संयोजनों पूर्णतः एएमआर वाटर मीटर नहीं लगाए गए हैं, जो मीटर लगाए गए हैं, उनमें भी मीटर रीडिंग ठीक न आने के कारण जनाक्रोश व्याप्त है। संस्था द्वारा कुल 7064 मीटरों के सापेक्ष अभी तक कुल 5875 मीटर ही लगाये गये हैं जिसमें से अधिकांश मीटरों में रीडिंग ठीक नहीं आने एवं पेयजल संयोजन से अलग लगे होने की शिकायत है, जिस कारण लगभग 2734 मीटरों की ही रीडिंग का उपयोग बिल बनाने में किया जा रहा है।

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