हम सभी हेल्दी और फिट रहने के लिए डाइट, एक्सरसाइज और योग अपनाते हैं. इससे कई बीमारियों से हमारा बचाव हो सकता है. लेकिन कई लोग योग के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं. ऐसे में वो रोजाना सिर्फ 5 मिनट निकालकर तितली आसन कर सकते हैं. ये बहुत आसन आसनों में से एक है. जिन लोगों के पैरों में जकड़न, सुन्नता, ऐड़ी में दर्द जैसी परेशानी रहती है. वो इसे आसान आसन को घर पर कर सकते हैं.
इस आसन को जब आप नियमित रूप से करेंगे, तो ये आपके लिए फायदेमंद हो सकता है. खासकर महिलाओं के लिए ये आसन काफी कारगर साबित हो सकता है. चलिए जानते हैं योग एक्सपर्ट सुगंधा गोयल इस आसन को करने का तरीका और फायदों के बारे में.
तितली आसन करने का तरीका
इस आसन को करने के लिए दोनों पैरों को सामने फैलाकर बैठ जाएं. अब घुटनों को मोड़कर पैरों के पंजों को आपस में मिला लें. इसके हाथों को घुटनों पर रखकर, घुटनों को ऊपर की ओर उठाएं और आपस में मिलाने की कोशिश करें. उसके बाद घुटनों के नीचे ले आएं और जमीन के साथ लगाने की कोशिश करें. इसके बाद हाथों से पैरों के पंजों को पकड़ लें. अब घुटनों को जल्दी-जल्दी ऊपर नीचे करते रहें, जैसे तितली उड़ रही हो. सांस की गति को सामान्य रखते हुए आठ से दस बार इस अभ्यास को करें.
तितली आसन के फायदे
मानसिक स्वास्थ्य
आजकल ज्यादातर लोग ऑफिस और घर के काम को लेकर परेशान रहते हैं. ऐसे में कुछ समय तितली आसन करने से उनके बॉडी और माइंड दोनों को ही रिलैक्स मिल सकता है. ये स्ट्रेस से राहत दिलाने में मदद कर सकता है.
पैरों के लिए फायदेमंद
तितली आसन पैरों की कमजोरी, जकड़न, भारीपन, सुन्नता, वैरीकोज वेन्स, एड़ी का दर्द, पैरों की नस खींचना जैसी पैरों की समस्या में फायदेमंद साबित हो सकते हैं. तितली आसन पैरों को स्ट्रेंथ देता है, जंघाओं की मांसपेशियों और कूल्हे की हड्डी को मजबूत बनाने में मदद करता है.
पोस्चर में सुधार
तितली आसन को करने से पोस्चर में सुधार हो सकता है. ये पीठ और रीढ़ की मांसपेशियों को मजबूत करके पोस्चर को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है.
पेल्विक एरिया
तितली आसन को करते समय आपके पेल्विक एरिया में खिंचाव होता है, जो महिलाओं के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. ये हिप्स, पैर, कमर और थाई के अंदरूनी हिस्सों को भी मजबूत करने में भी मदद कर सकता है. इसी के साथ ही इस आसन को करने से पेट से संबंधित समस्याओं से राहत मिल सकती है.
ध्यान रखें
यदी किसी व्यक्ति के घुटनों या कमर में दर्द रहता हो, तब इस आसन को अभ्यास नहीं करना चाहिए. साथ ही इसका अभ्यास करते समय शुरुआत में कूल्हों, घुटनों और रीढ़ की हड्डी पर प्रेशर पड़ सकता है. जिससे कई लोगों को परेशानी हो सकती है. इसलिए इस आसन की शुरुआत करने के लिए एक्सपर्ट की मदद लें. अगर आप इस आसन को सही तरीके से नहीं करेंगे, तो आपको तकलीफ हो सकती है.