@शब्द दूत ब्यूरो (03 मार्च 2024)
उत्तर प्रदेश की कानपुर कोर्ट ने एक आईएसआई एजेंट को 10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है. पाकिस्तान के लिए काम करने वाला यह एजेंट खुफिया सूचनाएं पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं को भेजता था. इसका नाम फैसल रहमान है, जो कि झारखंड का रहने वाला है. फैसल रहमान को एटीएस की टीम ने 18 सितंबर 2011 को कानपुर के मुरे कंपनी पुल के पास से गिरफ्तार किया था. यह इलाका कानपुर छावनी के अंतर्गत आता है. एटीएस को फैसल के कब्जे से सेना से जुड़ी जानकारी वाले दस्तावेज मिले थे.
फैसल रहमान पाकिस्तान में आईएसआई से प्रशिक्षण भी ले चुका था. भारत से सैन्य सूचनाएं देने के बदले उसको मोटी रकम मिलती थी. एटीएस की जांच में पता चला कि फैसल ने रांची, प्रयागराज, बबीना, कानपुर छावनी के सैन्य ठिकानों की सूचना आईएसआई को भेजी थी. फैसल मूल रूप से रांची का रहने वाला था.
10 वर्ष कारावास और 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा
इस मामले में अपर जिला जज 8 की कोर्ट ने फैसल को 10 वर्ष कारावास और 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई. अभियोजन की तरफ से 11 गवाहों की गवाही कराई गई थी. अपने बचाव में फैसल ने कहा था कि उसकी शादी पाकिस्तान में हुई थी, इसलिए उसको फंसाया जा रहा है, जबकि वो 11 साल से अपनी बीवी और बच्चों से नही मिला है. लेकिन कोर्ट ने उसकी दलीलों को नही माना और उसको 10 साल कैद की सजा सुनाई.
कानपुर से 2011 में गिरफ्तार किया गया पाकिस्तानी जासूस फैसल रहमान बहुत शातिर था. उसने पाकिस्तान की एजेंसी आईएसआई से ट्रेनिंग लेने के बाद सब दांव पेंच सीख लिए थे. पाकिस्तानी आकाओं से बात करने के लिए फैसल कोड वर्ड का इस्तेमाल करता था.
कोड वर्ड में मैसेज भेजता था PAK
भारतीय सैन्य क्षेत्रों की सूचना देने के लिए उसने कोडिंग बना रखी थी, जिससे किसी को पता ना चल पाए और संदेश पकड़े जाने पर डिकोड ना किया जा सके. वह झांसी को रानी बोलता था, बबीना को बीवी. पुणे को पुनीत कहकर संदेश भेजता था जबकि कानपुर को वाहन पंजीकरण नंबर UP78 से संबोधित करता था. सैन्य यूनिटों को बेटा, पोता, पोती कहकर संबोधित करता था.
फैसल ने एटीएस को बताया था कि वो उच्च शिक्षा के लिए रूस गया था और वहां से लौटने के बाद अपनी मौसी से मिलने कराची चला गया. वहां मौसी से बेटी सायमा से मोहब्बत हो गई और वहीं उससे निकाह कर लिया। सायमा सरकारी कॉलेज में प्रोफेसर थी और वो उससे मिलने पाकिस्तान आता जाता रहता था.
फैसल के अनुसार अपने वीजा को बढ़ाने के लिए जब वो पाकिस्तान के कार्यालय गया था तो वहीं पर उसको आईएसआई का एजेंट मिला था जिसने भारत के खिलाफ उसको भड़काया और पैसे का लालच देकर जासूसी करने के लिए राजी किया. एटीएस को दी गई जानकारी के अनुसार फैसल ने इसके बाद वहीं आईएसआई के दफ्तर में जासूसी की ट्रेनिंग ली थी। 2011 में गिरफ्तारी के दौरान उसके पास से कई संवेदनशील दस्तावेज और सवा लाख रुपए बैंक से बरामद हुए थे.