काशीपुर । धार्मिक एवं पौराणिक महत्व के स्थल काशीपुर को अब बौद्ध धर्म की नगरी के रूप में विकसित किया जायेगा। बता दें कि काशीपुर में पुरातात्विक क्षेत्र गोविषाण टीले को महाभारत व अन्य धार्मिक दृष्टि से विश्व भर में पहचाना जाता है। आज यहाँ पहुंचे प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने राज्य में पर्यटन को विकसित करने के राज्य सरकार के संकल्प के बारे में जानकारी दी।
त्रिवेंद्र रावत सरकार में कैबिनेट मंत्री के तौर पर पर्यटन मंत्रालय संभाल रहे सतपाल महाराज ने अधिकारियों के साथ एक बैठक भी आहूत की जिसमें स्थानीय विधायक हरभजन सिंह चीमा, नगर निगम मेयर ऊषा चौधरी समेत जिलाधिकारी नीरज खैरवाल समेत जिले के अधिकारियों ने शिरकत की।
बाजपुर रोड स्थित एक होटल में अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में सतपाल महाराज ने पर्यटन आदि को लेकर अधिकारियों से राय मशविरा कर उन्हें जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। इस दौरान मीडिया से रूबरू होते हुए उन्होंने 13 जिले 13 डेस्टिनेशन के मुद्दे पर उन्होंने काशीपुर को एक पौराणिक नगरी बताते हुए यहां के द्रोणा सागर और गोविषाण के महत्व को बताते हुए कहा कि उनका यह संकल्प है कि गोविषाण को बुद्धिस्ट सर्किट के अंतर्गत लाना चाहते हैं। साथ ही वह चाहते हैं कि उत्तराखंड में बुद्धिस्ट सर्किट का विकास हो जिससे बौद्ध धर्म के विदेशी अनुयाई यहां आएं और बौद्ध सर्किट का लाभ उठाएं।
उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के द्वारा वीरचंद गढ़वाली योजना और पंडित दीनदयाल ग्रामीण पर्यटन योजना के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड सरकार के द्वारा श्राइन बोर्ड के मुद्दे पर हो रहे लगातार विरोध पर उन्होंने कहा कि देवस्थानम बोर्ड का ऐसा कवच दिया है जिससे किसी भी हक हकूक धारी के अधिकार सुरक्षित रहेंगे। ढोल वादको के अधिकार सुरक्षित रहेंगे। इसी के साथ साथ पिछले 38 वर्षों से मंत्रियों के आयकर सरकार द्वारा चुकाए जाने की व्यवस्था को खत्म करने के सरकार के निर्णय पर उन्होंने कहा कि प्रत्येक मंत्री को अपना आयकर स्वयं भरना चाहिए।