@शब्द दूत ब्यूरो (19 अक्टूबर 2025)
धारचूला। उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्र व्यास घाटी में स्थित आदि कैलाश और ॐ पर्वत इस वर्ष तीर्थयात्रा और पर्यटन के नए आयाम लिख रहे हैं। श्रद्धालुओं की बढ़ती आस्था और बेहतर सड़क सुविधाओं के कारण इस वर्ष यहां पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
पर्यटन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, वर्ष 2025 में अब तक 31,598 श्रद्धालु भोलेनाथ के दिव्य धाम आदि कैलाश और प्राकृतिक रूप से बने ॐ पर्वत के दर्शन कर चुके हैं। यह आंकड़ा पिछले चार वर्षों (2022 से 2025) में आए कुल 72,732 यात्रियों की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाता है।
आदि कैलाश और व्यास घाटी तक सड़क पहुंचने से धारचूला क्षेत्र में होम स्टे, कैफे, रेस्तरां और ट्रेवल कारोबार को भी नई गति मिली है। गूंजी गांव, जिसे केंद्र सरकार ने ‘वाइब्रेंट विलेज’ घोषित किया है, तीर्थाटन और पर्यटन गतिविधियों का प्रमुख केंद्र बन चुका है। यहां से एक मार्ग आदि कैलाश और दूसरा मार्ग ॐ पर्वत तक जाता है, जहां इस बार तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की अभूतपूर्व चहल-पहल रही।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि क्षेत्र में बढ़ते रोजगार और कारोबार के अवसरों से रिवर्स पलायन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। कई परिवार जो पहले मैदानी क्षेत्रों में बस गए थे, अब फिर से अपने मूल गांवों की ओर लौटने लगे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आदि कैलाश और ॐ पर्वत के दर्शन करने के बाद से श्रद्धालुओं की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। यह क्षेत्र अब शिव उपासना के केंद्र के साथ-साथ एडवेंचर और बाइक राइडर्स के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन गया है। स्थानीय लोग आने वाले मेहमानों का दिल से स्वागत करते हैं।”
आदि कैलाश और ॐ पर्वत न केवल आस्था के प्रतीक बन रहे हैं, बल्कि उत्तराखंड के सीमांत इलाकों में आर्थिक सशक्तिकरण और सांस्कृतिक पुनर्जागरण के भी केंद्र बनते जा रहे हैं।
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