@शब्द दूत ब्यूरो (23 अगस्त 2025)
देहरादून। उत्तराखंड में “गोरखधंधा” शब्द के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ रही है। अखिल भारतीय नाथ समाज ने राज्य सरकार से अपील की है कि वह इस आपत्तिजनक शब्द पर पाबंदी लगाए, जिसकी जड़ें सीधे गुरु गोरखनाथ जैसे पूज्य योगी से जुड़ी हैं।
नाथ सम्प्रदाय की ओर से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इस संबंध में एक पत्र प्रेषित किया गया है। समाज के प्रमुख योगी राधे श्यामनाथ ने जानकारी दी कि यह मांग पहले भी भारत सरकार के समक्ष उठाई गई थी, जिसके चलते 19 नवंबर 2018 को केंद्र सरकार ने “गोरखधंधा” शब्द के प्रयोग पर रोक लगाने का निर्णय लिया था।
केंद्र सरकार के आदेश के बाद हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में इस शब्द के सार्वजनिक उपयोग पर पहले ही पाबंदी लगाई जा चुकी है। अब उत्तराखंड में भी इसी दिशा में कदम बढ़ाने की संभावना जताई जा रही है।
नाथ सम्प्रदाय का कहना है कि “गोरखधंधा” शब्द का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक अर्थ समय के साथ विकृत हो गया है। गुरु गोरखनाथ द्वारा प्रतिपादित योग की जटिल विधियों के कारण यह शब्द पहले ‘जटिल’ या ‘समझने में कठिन’ के रूप में जाना जाता था। लेकिन धीरे-धीरे इस शब्द को धोखाधड़ी और अनैतिक गतिविधियों से जोड़ दिया गया, जिससे नाथ सम्प्रदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचती है।
सूत्रों के अनुसार, उत्तराखंड सरकार भी इस मांग पर गंभीरता से विचार कर रही है और जल्द ही इस संबंध में कोई निर्णय लिया जा सकता है।
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