@शब्द दूत ब्यूरो (08 अगस्त 2025)
उत्तरकाशी/धराली। उत्तरकाशी जनपद के धराली क्षेत्र में आई भीषण आपदा के बीच शुक्रवार को एक ऐसा मार्मिक दृश्य सामने आया जिसने हर किसी की आंखें नम कर दीं। जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर रहे थे, तभी एक महिला अपने भावों को रोक नहीं सकी और मुख्यमंत्री की कलाई पर राखी बांध दी। यह दृश्य ना सिर्फ मानवीय संवेदनाओं से भरा था, बल्कि आपदा की विभीषिका के बीच जन्मे भरोसे और अपनत्व की अनोखी मिसाल बन गया।
अहमदाबाद के ईशनपुर निवासी धनगौरी बरौलिया अपने परिवार के साथ गंगोत्री दर्शन को उत्तराखंड आई थीं। लेकिन 5 अगस्त को धराली क्षेत्र में आए भयानक भूस्खलन और तेज बारिश ने उनकी यात्रा को दहशत में बदल दिया। रास्ते बंद हो गए, चारों तरफ तबाही का मंजर और मदद की कोई उम्मीद नहीं दिख रही थी।
ऐसे कठिन समय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर शुरू हुए। रेस्क्यू टीमों ने मलबों और दुर्गम हालात के बावजूद लगातार प्रयास कर धनगौरी और उनके परिवार को सुरक्षित निकाला। शुक्रवार को जब मुख्यमंत्री तीन दिन से लगातार धराली क्षेत्र में डटे रहकर खुद ग्राउंड जीरो पर राहत कार्यों का निरीक्षण कर रहे थे, तभी धनगौरी ने भावुक होकर मुख्यमंत्री की कलाई पर अपनी साड़ी का फाड़ा हुआ किनारा राखी के रूप में बांधा।
राखी बांधते हुए धनगौरी की आंखों से बहते आंसुओं में डर नहीं, आभार और विश्वास था। उन्होंने कहा, “मेरे लिए मुख्यमंत्री धामी भगवान श्रीकृष्ण जैसे हैं। इन्होंने हमारी, और यहां मौजूद सभी बहनों की एक भाई की तरह रक्षा की है। ये तीन दिनों से यहीं हमारे बीच रहकर हर जरूरत और सुरक्षा का ध्यान रख रहे हैं।”
मुख्यमंत्री ने भी उन्हें आश्वासन देते हुए कहा कि वे एक भाई की तरह आपदा से प्रभावित हर बहन और परिवार के साथ खड़े हैं और प्रदेश सरकार हर संभव मदद सुनिश्चित करेगी।
धराली के मलबों के बीच जन्मे इस भाई-बहन के रिश्ते ने वहां मौजूद हर व्यक्ति को भावुक कर दिया। यह दृश्य मानवता, सेवा और संवेदनशील नेतृत्व की एक प्रेरणादायक मिसाल बन गया, जिसने आपदा की भयावहता में भी अपनत्व की उजली किरण जगा दी।
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