इस खुलासे ने डेयरी उत्पादों के उपभोक्ताओं को चौंका दिया है, खासकर उन लोगों को जो दूध और उससे बने उत्पादों को शुद्ध शाकाहारी मानकर सेवन करते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे दूध को ‘नॉन-वेज मिल्क’ की संज्ञा दी जा सकती है,
@शब्द दूत डेस्क (15 जुलाई 2025)
अमेरिका में डेयरी उत्पादों से जुड़ी एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें दावा किया गया है कि वहां गायों को मांसयुक्त आहार दिया जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, इन आहारों में सूअर, मछली, मुर्गा, घोड़ा, यहां तक कि बिल्ली और कुत्तों के अंगों को भी शामिल किया जाता है।
इस मांसयुक्त आहार का उद्देश्य गायों को अधिक प्रोटीन देना और उनका वजन बढ़ाना है, ताकि दूध उत्पादन में वृद्धि हो सके। इसके लिए उनके भोजन में न केवल जानवरों के अंगों का इस्तेमाल किया जा रहा है, बल्कि अतिरिक्त चर्बी भी मिलाई जा रही है।
इस खुलासे ने डेयरी उत्पादों के उपभोक्ताओं को चौंका दिया है, खासकर उन लोगों को जो दूध और उससे बने उत्पादों को शुद्ध शाकाहारी मानकर सेवन करते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे दूध को ‘नॉन-वेज मिल्क’ की संज्ञा दी जा सकती है, क्योंकि इसका स्रोत भले ही गाय हो, लेकिन उसमें मिलने वाले पोषक तत्वों की उत्पत्ति मांस से जुड़ी है।
यह खुलासा न सिर्फ नैतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से विचारणीय है, बल्कि इससे खाद्य सुरक्षा और उपभोक्ता अधिकारों से जुड़े कई गंभीर प्रश्न भी खड़े हो गए हैं। भारत सहित दुनिया भर में शाकाहार को मानने वाले लोगों के लिए यह मुद्दा चिंताजनक है और इससे डेयरी इंडस्ट्री की पारदर्शिता पर भी सवाल उठ रहे हैं।
अब देखना यह होगा कि इस रिपोर्ट के बाद अमेरिका और अन्य देशों में डेयरी उत्पादों के मानकों को लेकर क्या कदम उठाए जाते हैं और उपभोक्ताओं को सही जानकारी उपलब्ध कराने के लिए क्या दिशा-निर्देश तय किए जाते हैं।
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