यह हमला घटनाओं की एक पुरानी श्रृंखला का हिस्सा है जिसमें गैर‑स्थानीय, खासकर पंजाब प्रांत के नागरिकों को यहां निशाना बनाया जा रहा है।
@शब्द दूत ब्यूरो (11 जुलाई 2025)
11 जुलाई 2025 को पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के झोब क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक आम यात्रा बस को आतंकवादियों ने रोककर जांची और पंजाब प्रांत से आने वाले नौ यात्रियों को पहचान कर उतार लिया। सभी पीड़ितों का पंजाब के विभिन्न जिलों से था। इसके बाद उन्हें उसी स्थान पर गोली मारकर हत्या कर दी गई ।
इस हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी ने नहीं ली है, लेकिन प्रारंभिक बयानों के अनुसार, यह एक जातीय रूप से लक्षित हमला था, जिसमें बलूच अलगाववादी गुटों की भूमिका हो सकती है ।
झोब के सह‑आयुक्त ने बताया कि सुरक्षाकर्मी घटनास्थल पर पहुंचे और शवों को पोस्टमार्टम एवं दफ़न प्रक्रिया के लिए अस्पताल भेज दिया ।
यह हमला घटनाओं की एक पुरानी श्रृंखला का हिस्सा है जिसमें गैर‑स्थानीय, खासकर पंजाब प्रांत के नागरिकों को बलूचिस्तान में निशाना बनाया जा रहा है। हाल ही में क्वेटा, लोरलाई और मस्तुंग में भी सुरक्षा बलों ने अन्य हमलारों को रोका, जिनमें किसी को कोई क्षति नहीं पहुँची ।
बलूचिस्तान, जो ईरान और अफगानिस्तान की सीमा पर स्थित है, लंबे समय से अलगाववादी हिंसा का केन्द्र रहा है। स्थानीय विद्रोही समूह राज्य के पूर्वी नागरिकों, सुरक्षा कर्मियों और चीनी निवेश परियोजनाओं पर अक्सर हमले करते रहे हैं। पाकिस्तानी अधिकारी अब भी हमलावरों की पहचान करने व उनके उद्देश्य की जांच में लगे हैं और मृतकों के परिजनों को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया जा रहा है।
बलूचिस्तान में पंजाब और बाहर से आने वाले लोगों को अक्सर जातीय कारणों से निशाना बनाया गया है। अप्रैल 2024 में नुश्की जिले में भी इसी तरह का हमला हुआ था, जिसमें पंजाब के नौ मजदूरों को बस से बाहर निकालकर गोली मार दी गई थी ।
मई 2025 में उसी प्रांत के खुज़दार जिले में एक स्कूल बस में आत्मघाती बम विस्फोट हुआ था, जिसमें कई बच्चों समेत 8–11 लोग मारे गए—जिसे बलूच मुक्तिदल (BLA) द्वारा अंजाम देने का आरोप लगाया गया था, हालांकि भारत ने उन पर सहायता देने से साफ़ इनकार किया था ।
पाकिस्तान की दक्षिण-पश्चिमी सीमा पर स्थित बलूचिस्तान क्षेत्र में पिछले कई वर्षों से गैर‑स्थानीयों, सुरक्षा बलों व शिक्षा संस्थानों पर हमलों की एक लहर रही है। मौजूदा घटनाएं उस लंबे और असुरक्षित संदर्भ को दर्शाती हैं। अब सवाल यह है कि क्या सरकारी सुरक्षा उपायों में सुधार होगा और जिम्मेदार उपद्रवियों को जल्द हिरासत में ला कर आरोपित किया जाएगा।
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