@शब्द दूत ब्यूरो (02 जुलाई 2025)
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अध्यक्षता जुलाई 2025 के लिए पाकिस्तान को मिली है। यह मौका उसे परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में जनवरी 2025 में शामिल होने के बाद निर्धारित रोटेशन प्रक्रिया के तहत प्राप्त हुआ है। अध्यक्षता संभालते ही पाकिस्तान ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दा उठाकर भारत पर निशाना साधा, जिससे दोनों देशों के बीच कूटनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है।
पाकिस्तान ने अपने शुरुआती वक्तव्य में कश्मीर को “अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा” का विषय बताया और इस पर वैश्विक समुदाय के हस्तक्षेप की मांग दोहराई। वहीं भारत ने इस रुख का कड़ा विरोध करते हुए स्पष्ट किया कि कश्मीर एक पूरी तरह से द्विपक्षीय मुद्दा है, और इसमें किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं हो सकती।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान का यह प्रयास न केवल सुरक्षा परिषद के मंच का दुरुपयोग है, बल्कि उसकी वही पुरानी और बेबुनियाद सोच का प्रतिबिंब है, जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय पहले भी नकार चुका है।
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी सदस्य – अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन – होते हैं, जबकि दस अस्थायी सदस्य हर दो वर्ष के लिए चुने जाते हैं। इन पंद्रह सदस्यों के बीच अध्यक्षता मासिक आधार पर रोटेट होती है। जुलाई माह की अध्यक्षता पाकिस्तान को मिली है, जिसके तहत उसे परिषद की बैठकों की अध्यक्षता करने और कार्यसूची तय करने का अधिकार प्राप्त है।
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की यह कोशिश सिर्फ आंतरिक राजनीतिक दबावों से ध्यान हटाने और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी प्रासंगिकता बनाए रखने की एक कवायद है। भारत पहले ही साफ कर चुका है कि जम्मू-कश्मीर उसका अभिन्न अंग है और रहेगा।
पाकिस्तान की इस पहल से दोनों देशों के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों में नई तल्खी आने की आशंका है। आने वाले दिनों में UNSC की कार्यवाहियों पर सबकी नजर बनी रहेगी कि क्या पाकिस्तान इसे अपने पक्ष में साध पाता है या फिर अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसे महज एक राजनीतिक स्टंट मानकर नजरअंदाज करता है।
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